आप लोगो ने मेरा पिछला लेख (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..4) तो पढ़ा ही होगा, जिसमे मैंने नैनीताल के पास स्थित कुमाऊं की सबसे बड़ी झील भीमताल झील का वर्णन किया था । अब अपनी इस कुमाऊँ की श्रृंखला को आगे अग्रसर करते हुए आज की इस लेख में आपको ले चलता हूँ, नैनीताल के पहाड़ियों में प्रकृति के गोद में बसे → “ नौकुचियाताल झील की सैर ” पर ।
भीमताल झील के अच्छे से दर्शन करने के पश्चात समय के मूल्य को समझते हुए, हम लोग जल्द ही टैक्सी में बैठकर पार्किग के पास से ही बाये वाले रास्ते से होते हुए अपने अगले गंतव्य स्थल नौकुचियाताल की तरफ कूच कर गए ।
Road Map From Bhimtal to NaukuchiaTal → 5KM
(भीमताल से नौकुचिया ताल का एक सड़क नक्शा )
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पहाड़ों के हरे-भरे सीढ़ीदार खेत और हरियाली से घिरे बलखाती पक्की सड़क मार्ग से होते हुए, हम लोगो को कुछ मिनिटो के सफ़र के बाद शांत वातावरण में चारों से हरी-भरी पहाड़ियों से घिरे नौकुचियाताल के दर्शन हो ही जाते हैं । भीमताल से नौकुचिया ताल करीब पांच किलोमीटर और नैनीताल से करीब 26 किमी० दूर स्थित हैं । भीमताल से नौकुचियाताल के बीच रास्ते में एक दो गाँव भी पड़ते हैं, जहाँ पर हरे-भरे खेतों के द्रश्य ही नजर आते हैं ।
हमारे टैक्सी चालक ने कार को झील की शुरुआत में झील से सटे एक छोटे कमल के तालाब के पास बोट स्टैंड पर पर रोकना चाहा तो हमने कहा की,”वो सामने झील के दूसरे किनारे पर स्थित बोट स्टैंड नजर आ रहा हैं, न ! वहाँ पर ले चलो “। चालक ने कहा कि,”वो जगह यहाँ से एक किमी० दूर हैं, और बोट तो आपको यहाँ भी मिल जायेगी “। पर हमने कहा कि,”हमे तो वही ही जाना हैं, आप हमे वहाँ ले चलो “। हमारे कहते हैं चालक झील की किनारे के सुन्दर सड़क मार्ग से होते हुए चल दिया और हम भी सड़क मार्ग से सुन्दर झील का अवलोकन करते हुए चले जा रहे थे ।
नौकुचिया मार्ग से चलते हुए, हम लोग इस सड़क के मार्ग के अंतिम बिंदु तक पहुँच जाते हैं, क्योंकि इससे आगे कोई रास्ता नहीं था । झील के किनारे स्थित इस स्थान पर टैक्सी स्टैंड और एक छोटा सा बाजार जिसमे कई खाने-पीने रेस्तरा, फोटोग्राफी की दुकाने, रोजमर्रा के सामन की दुकाने, शायद ठहरने के लिए होटल और झील में विचरने के लिए एक बोट स्टैंड की व्यवस्था हैं । कार से उतरने के पश्चात हम लोग सीधे झील की दक्षिणी किनारे के बोट स्टैंड पहुंचे, यहाँ से पहाड़ों के बीच शांत वातावरण में मौजूद झील को काफी बड़े भाग में दर्शन करना अपने आप में एक निराला और अदभुत अहसास उत्पन्न करा रहा था । पानी से लबालब भरी झील में ठंडी हवा के चलने से उत्पन्न हल्की लहरे और झील के परिपेक्ष की पहाड़िया झील की सुंदरता में चार-चाँद लगा रही थी । झील के पानी में दूर-दूर तक तैरती रंग-बिरंगी नावे एक मोहक द्रश्य उत्पन्न कर रही थी, जैसे कि किसी ने नीले कागज पर तरह-तरह की रंग-बिरंगी बूंदे डाल दी हो । यहाँ का मौसम बड़ा ही सुहावना था, चिड़ियों के चहचहाहट और बहुत ही कम आधुनिकी निर्माण के कारण यह झील को लगभग अपने प्राकृतिक परिवेश में देखना एक सुखद एहसास दे रहा था । कुल मिलाकर यहाँ से नौकुचियाताल का दिलखुश के साथ-साथ मनखुश द्रश्य दिखाई देता रहा था ।
समुंदतल से नौकुचियाताल ऊँचाई 1290 मीटर हैं, जो कि भीमताल के मुकाबले कुछ कम है । इस झील की लम्बाई एक किलोमीटर के आसपास, चौड़ाई करीब आधा किलोमीटर से ज्यादा और गहराई 40 मीटर से भी अधिक है । इस झील का आकार अपने आप में विशिष्ठ प्रकार हैं, वो ऐसे की झील के पूरे नौ कोने हैं, इन्ही नौ कोने के कारण इस झील को नौकुचियाताल के नाम से जाना जाता हैं । पौराणिक किद्वंती और यहाँ के स्थानीय लोगो के अनुसार कहते कि जो इस झील के पूरे नौ कोने एक बार में देख लेता हैं, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं । खैर इस किद्वंती से हमारा कोई लेना देना नहीं हम तो झील के मनोरम नजारे का लुफ्त लेने आये हुए थे । वैसे हमे तो चार या पांच कोने से ज्यादा एक बार में नजर आ रहे थे ।
कुमाऊँ की सर्वाधिक गहरी झील होने का कारण झील के पानी का रंग नीला नजर आ रहा था । यह रहस्मयी झील चारों तरफ के सुन्दर और घने पेड़-पौधों से लदे पहाड़ियों से घिरा होने के कारण अत्यंत नयनाभिराम नजर आती थी और कही-कही झील के पानी स्पर्श करती हुई झील के किनारे के पेड़ो की डालिया और पत्तिया एक खूबसूरत द्रश्य उजागर कर रही थी । यहाँ झील के आसपास देशी-विदेशी पंक्षी झील के पानी में कलरव करते और विचरण करते देखना एक अपने आप में अदभुत अनुभव होता है । झील के आसपास के शांत वातावरण में कुछ समय बिताने और रहने के लिए कुछ अच्छे होटलों और रेस्तराओ की अच्छी व्यवस्था भी थी ।
नौकुचियाताल क्षेत्र में झील और उसके आसपास मनोरंजन करने हेतु यहाँ पर तरह-तरह की आकार की पैडल बोट, चप्पू से खेने वाली आरामदायक नौका से नौकायन, झील के पानी में जोर्बिंग (Water Zorbing एक प्लास्टिक का बड़ा सा घेरा, जिसका आकार बेलनाकार हैं और उसे हवा की साहयता से से फुलाया जाता हैं, फिर इसके बीच में मनोरंजन करने वाले व्यक्ति को सुरक्षा से बांधकर पानी में तेजी घुमाया जाता हैं ।), झील में पैरासेलिंग, पहाड़ से पैराग्लाइडिंग, जंगल ट्रेकिंग आदि की अच्छी व्यवस्था थी ।
बोट स्टैंड पर हम लोग झील का नजारा ले रहे थे और हमारे बच्चे झील में तैरती सुन्दर नावों के देखकर मचल उठे और झील में नाव से सैर करने की जिद करने लगे । बच्चो की बात सुनकर हमने नाव से सैर करने के लिए मूल्य जानने के लिए अपनी निगाहें इधर-उधर डाली तो एक एक बोर्ड हमे दीवार पर लगा मिला जिस पर से हमे सभी प्रकार के नावों के मूल्य घंटे के हिसाब से ज्ञात हो गए । पैडल बोट हमे खुद चलाने होती है सो हमने चप्पू से चलने वाली नौका (शिकारा) से ही नौकायन कर आनन्द लेने का निश्चय किया । नाव को बुक कराने के लिए हम लोग वहाँ पर बैठे एक व्यक्ति के पास पहुंचे जो सभी नावों का लेखा-झोका एक कॉपी में कर रहा था । हमने उससे एक चप्पू वाली नाव से सैर करने के लिए कहा तो उसने एक आदमी (नाविक) को बुलाकर बात करने को कहा । हमारे पास समय अधिक नहीं था सो हमने उस नाविक से झील में आधा घंटे के लिए सैर को कहा । चप्पू वाली नाव से सैर के एक घंटे के पांच सो रूपये और आधा घंटे के ढाई सो रूपये थे और कोई मोलभाव भी नहीं किया उसने । खैर उसने एक नौका बोट स्टैंड पर लगाकर हम सबको सावधानी पूर्वक उसमे बैठा दिया । हमाने बच्चे उस नाम में चढ़ने से इंकार करने लगे, पर बच्चे तो बच्चे हैं उन्हें तो हंस के आकार वाली पैडल बोट में जो बैठना था । किसी तरह से समझा बुझा कर उस नाव में बैठाया और जब नाव झील के पानी में डगमगाते और चप्पुओ से छप-छप आवाज करते हुए चली तब बच्चो के चेहरे के मुस्कान भी बढ़ गयी ।
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नौका काफी आरामदायक और सुन्दर थी । सामने व नाव की दोनो तरफ बैठने के लिए गद्दीदार सीटे थी, नाविक नाव को झील के किनारे से खेते हुए ले जा रहा था । नाव से सैर करते हुए हमे झील के किनारे का जन-जीवन नज़र आ रहा था वहाँ रहने वाले कुछ लोगो का अपना निजी किनारा था और वो लोग झील के किनारे टेवल-कुर्सी डाल कर शाम के चाय-नाश्ते के आनन्द अपने परिवार वालो के साथ ले रहे थे । झील के किनारे के ऊपर के पहाड़ पर घने पेड़ो के बीच कुछ पुराने होटल, घर भी नजर आ रहे थे । सैर करते हुए हमे झील पर एक बड़ा सा झुका हुआ पेड़ छोटी पत्तियों वाला झील के काफी भाग तक पानी को छूता हुआ दिखा, हमारे नाविक ने अपनी नाव को उसी पेड़ के अंदर की खाली जगह से होते हुए गुजारा तो हमको एक बहुत खूबसूरत अहसास हुआ ।
नाव से झील सैर करते हुए हम लोगो को बड़ा ही शांति का अहसास हुआ केवल नाव चलाने वाले चप्पू और पानी की आवाज आ रही थी । मौसम बहुत सुहावना था और झील के बीच चलती ठंडी हवा का साथ उसे और भी रूमानी बना रहा था । पता ही नहीं चला कि नाव से झील की सैर करते हुए और कुदरत के नजारे का आनन्द लेते हुए हमारा आधा घंटा कब बीत गया । अब समय था बोट स्टैंड पर लौटने का नाविक ने अपनी नाव का रुख बोट स्टैंड के तरफ वापिस मोड़ लिया । कुछ ही मिनटों में हम लोग बोट स्टैंड पर पहुँचकर उस नाविक का हिसाब किया और उसके मेहनताने के रूपये 250/-शुक्ल प्रेम सहित अदा कर दिया ।
नाव से उतरने के बाद हमारे बच्चो को किनारे पर हंस कि आकार कि बोट लगी मिल गयी तो फटाफट से वो लोग उस पर चढ़ गए और कहने लगे हमारा एक फोटो खीच दो । खैर उस बोट में बैठकर उनका फोटो लिया तभी हमारा टैक्सी चालक हमे ढूढते हुए वहाँ आ पंहुचा और समय का हवाला देते हुए चलने को कहने लगा । दो चार मिनिट इधर-उधर टहलने और बच्चो को खाने-पीने का सामान दिलाने के बाद हम लोग अपनी टैक्सी की तरफ चल दिए ।
अब इस लेख को यही विराम समय हो गया हैं । जल्द ही अपनी इस “कुमाऊँ श्रृंखला” के अगले यात्रा लेख के नई कड़ी में अपने अनुभव के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत करूँगा । अगले लेख में आप लोगो को शहर के बाहर स्थित और भी अन्य झीलों की सफ़र पर ले चलूँगा । अगले लेख तक के लिए आप सभी पाठकों को धन्यवाद और राम -राम ! वन्देमातरम
क्रमशः ………..
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Table of Contents → कुमाऊँ यात्रा श्रृंखला के लेखो की सूची :
5. नौकुचियाताल→ नौ कोने वाली सुन्दर झील ( (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..5)
6. सातताल → कुमाऊँ की सबसे सुन्दर झील (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..6)
7. नैनीताल → माँ नैनादेवी मंदिर और श्री कैंची धाम (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..7)
8. रानीखेत → हिमालय का खूबसूरत पर्वतीय नगर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..8)
9. कौसानी → प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्वतीय नगर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....9)
10. बैजनाथ (उत्तराखंड)→भगवान शिव को समर्पित अति-प्राचीन मंदिर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....10)
11. पाताल भुवनेश्वर → हिमालय की गोद में एक अद्भुत पवित्र गुफा (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....11)
12. जागेश्वर धाम → पाताल भुवनेश्वर से जागेश्वर धाम यात्रा (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....12)
13. जागेश्वर (ज्योतिर्लिंग)→कुमाऊं स्थित भगवान शिव का प्रसिद्ध धाम के दर्शन (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....13)
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Table of Contents → कुमाऊँ यात्रा श्रृंखला के लेखो की सूची :
1. नैनीताल → प्रसिद्ध पर्वतीय नगर की रेलयात्रा (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का..........1)
2. नैनीताल → हिमालय पर्वत का एक शानदार गहना (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का..2)
3. नैनीताल → शहर के देखने योग्य सुन्दर स्थल (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का....3)
4. भीमताल → सुन्दर टापू वाली कुमायूं की सबसे बड़ी झील (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..4) 2. नैनीताल → हिमालय पर्वत का एक शानदार गहना (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का..2)
3. नैनीताल → शहर के देखने योग्य सुन्दर स्थल (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का....3)
5. नौकुचियाताल→ नौ कोने वाली सुन्दर झील ( (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..5)
6. सातताल → कुमाऊँ की सबसे सुन्दर झील (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..6)
7. नैनीताल → माँ नैनादेवी मंदिर और श्री कैंची धाम (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..7)
8. रानीखेत → हिमालय का खूबसूरत पर्वतीय नगर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..8)
9. कौसानी → प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्वतीय नगर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....9)
10. बैजनाथ (उत्तराखंड)→भगवान शिव को समर्पित अति-प्राचीन मंदिर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....10)
11. पाताल भुवनेश्वर → हिमालय की गोद में एक अद्भुत पवित्र गुफा (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....11)
12. जागेश्वर धाम → पाताल भुवनेश्वर से जागेश्वर धाम यात्रा (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....12)
13. जागेश्वर (ज्योतिर्लिंग)→कुमाऊं स्थित भगवान शिव का प्रसिद्ध धाम के दर्शन (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....13)
14. नैनीताल → खूबसूरत नैनी झील और सम्पूर्ण यात्रा सार (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....14)
15.आगरा से भीमताल वाया बरेली (Agra to Bhimtal Via Bareilly → Road Review )
16. प्रकृति से एक मुलाक़ात → भीमताल भ्रमण (Bhimtal Lake in Nainital Region)
17. नौकुचियाताल → प्रकृति का स्पर्श (NaukuchiyaTal Lake in Nainital Region )
18. नैनीताल दर्शन → (A Quick Tour to Lake City, Nainital)
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15.आगरा से भीमताल वाया बरेली (Agra to Bhimtal Via Bareilly → Road Review )
16. प्रकृति से एक मुलाक़ात → भीमताल भ्रमण (Bhimtal Lake in Nainital Region)
17. नौकुचियाताल → प्रकृति का स्पर्श (NaukuchiyaTal Lake in Nainital Region )
18. नैनीताल दर्शन → (A Quick Tour to Lake City, Nainital)
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Wonderful Travelogue ritesh and beautiful pictures and eye catching place. I will visit here one day. Thanks for posting.
ReplyDeleteVishal ji......
DeleteThank you very much for commenting & Liking...
Thanks again
BEAUTIFUL PICTURES AND VERY NICE SPOTS WITH INFORMATIONS THANKS.
ReplyDeleteRamakant ji....
DeleteThanks for liking my post..
sundar yatra vivran ....
ReplyDeleteआपका बहुत-बहुत धन्यवाद !
Deleteमनमोहक तस्वीरों से सजी यह पोस्ट अच्छी लगी।
ReplyDeleteलेख को पसंद करने के लिए धन्यवाद देवेन्द्र जी !
Deleteअच्छा लगा.. ब्लाग का मुख्य चित्र भी काफी मनमोहक है
ReplyDeleteआपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत हैं.....टिप्पणी के लिए धन्यवाद...!
Deleteबहुत खूबसूरत जगह है ...
ReplyDeleteकभी मौक़ा लगा तो जरुर जायेंगे .....!!
ओये हीर...मेनू भी नाल ले जायो
Deleteआपका ब्लॉग पर स्वागत हैं....| कमेन्ट के लिए धन्यवाद...!
Deleteबहुत ही सुंदर जगह लगी ..यहाँ तक जाना नहीं हुआ पर अगली बार जरुर जाउगी....
ReplyDeleteइस बार तो आपका यह जगह देखने रह गयी ...अगली बार जरुर जाइए....धन्यवाद !
Deleteआपके साथ सफर करके बहुत अच्छा लगा ,
ReplyDeleteएक और बात हमारे समाज में मोक्ष पाना कितना आसान है न , एक नयी किम्वदंती मिली |
पता नहीं ये बुद्ध और महावीर मोक्ष पाने के लिए दर-दर क्यूँ भटके | :)
सादर
टिपण्णी के लिए धन्यवाद आकाश....|
Deleteहमारे देश की किसी न किसी जगह से कोई न कोई किद्वंती तो जुड़ी रहती हैं...|
यहीं हमने भी नौकाविहार किया था। भीमताल की तुलना में ये झील ज्यादा सुंदर है।
ReplyDeleteअपने लेख में चिड़ियों की चरचराहट की जगह चहचहाहट कर लें। शायद लिखते वक़्त टंकण दोष की वजह से ऐसा हुआ हो।
सही कहाँ आपने यह झील बहुत सुन्दर हैं पर उससे ज्यादा सुन्दर सात ताल हैं....| टंकण दोष को दूर कर दिया गया हैं....
Deleteधन्यवाद...
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन,पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब.
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
लेख को पसंद करने व उत्साहवर्धन करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद | आपका ब्लॉग पर स्वागत हैं....आते रहिये और अपने सुन्दर विचारों उत्साहवर्धन करते रहिये......
Deleteजयहिंद
रितेश जी,
ReplyDeleteआज एक साथ इस श्रंखला की सारी पोस्ट्स पढ़ डाली, बहुत आनंद आया. बिल्कुल सजीव यात्रा वर्णन लग रहा था. आपकी पोस्ट पढ़कर ही मनाली जाने का सपना पाल लिया था और वो पूरा भी हुआ था. अब आपकी ये पोस्ट्स पढ़कर नैनीताल जाने को भी मन मचल रहा है, क्या करूं? आप ही बताओ.
एक बात समझ में नहीं आई, आपने १८०० रु. में टैक्सी दोनों दिन के लिए की था या पहले ही दिन के लिए? अगर एक दिन के लिए की थी तो टैक्सी का टोटल खर्चा कितना आया था? कृपया जानकारी देने की कृपा करें.
धन्यवाद.
धन्यवाद मुकेश .. आपके सुन्दर कम्मेंट के लिए | यह जानकर अच्छा लगा की पोस्ट पढ़कर अब आप भी नैनीताल जाने को उद्धत है.... | एक काम करो अब आप भी नैनीताल हो ही आओं.... अच्छी जगह है
Deleteधन्यवाद
रितेश जी,
ReplyDeleteमाफी चाहूंगा, इसी श्रंखला की अगली पोस्ट (नैना देवी मंदिर) पढ़ी तो टैक्सी का सारा भाव ताव मालूम हो गया...........
धन्यवाद।