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Sunday, February 26, 2012

Around Udaipur- हल्दीघाटी,श्री नाथद्वारा,एकलिंगजी (Haldighati,Nathdwara & Eklingji)_Part-4

पिछले लेख से आगे। संग्रहालय घूमते समय हम लोग चलचित्र (Light & Sound Show Hall)वाले हॉल में जा पहुचे और यहाँ पर हमारे बस के “फतेहसागर लेक” ग्रुप के सभी लोगो की इकट्ठा कर दिया गया था। हॉल में मेवाड़ और हल्दीघाटी का इतिहास, महाराणा प्रताप के युद्ध कौशल आदि के बारे में चलचित्र (Light & Sound Show) के माध्यम से प्रदर्षित किया गया। इस चलचित्र के प्रदर्शन समय लगभग १० मिनिट का था और इस हॉल में बैठने के लिए लकड़ी के बेंच की व्यवस्था भी थी। हॉल से निकलने के बाद संग्रहालय के और कई कमरे हमने देखे, सभी कमरे मेवाड़ और राजस्थान की एतिहासिक वस्तुए से संगृहीत थे। संग्रहालय के कमरे के बाद एक खुले स्थान पर गुलाब के फूलो से गुलाबजल बनाने की विधि का प्रदर्शन हो रहा था, साथ में ही एक आयुर्वेद उत्पाद दुकान थी, जहाँ से हमने गुलाबजल और गुलुकंद ख़रीदा। इस संग्रहालय में छोटा किन्तु सुन्दर एक कृत्रिम सरोवर था और उसमे में गिरता हुआ एक पानी का झरना मन को और भी लुभा रहा था। सरोवर के किनारे और कुछ सरोवर के पानी में तरह-तरह की मूर्तिकला माध्यम से सुन्दर द्रश्य का प्रदर्शन किया गया था। इस छोटे से सरोवर में पैडलबोट (पैर की सहायता से चलने वाली नौकाए)की भी व्यवस्था थी। 

आप भी नीचे दिए कुछ और सुन्दर चित्रों के माध्यम से संग्रहालय का अवलोकन कर सकते हैं:

संग्रहालय के अन्दर एक सरोवर पर बना पुल और पीछे बहता झरना।

संग्रहालय के अन्दर सरोवर पर  कालिया नाग के ऊपर नाचते भगवान श्री कृष्ण का एक द्रश्य

Tuesday, February 14, 2012

UDAIPUR: घसियार(Old Tample Nathdwara), ऐतिहासिक भूमि-"हल्दीघाटी".Part-3


UDAIPUR, दिनांक ३० जून २०११ और दिन गुरुवार था और ये हमारे सफ़र का चौथा और अंतिम दिन था। आज हमें जहाँ घूमने जाना हैं, उसका कार्यक्रम हम कल ही बना चुके थे और एक बस में टिकिट भी आरक्षित भी करवा दी थी। लगभग सुबह ६ बजे के आसपास हम लोग नींद से उठ गए और कुछ समय पश्चात, अपने सुबह के जरुरी काम निपटाकर घूमने जाने के लिए तैयार हो गए। कमरे की खिड़की से उदय पोल, केंद्रीय बस अड्डा और पीछे जाती हुई रेलवे लाइन का सुन्दर नज़ारा दिख आ रहा था।
उदय पोल, केंद्रीय बस अड्डा और पीछे जाती हुई रेलवे लाइन का सुन्दर नज़ारा।
अपने आगे के सफ़र पर जाने से पहले हमने अपना सारा सामान इकठ्ठा किया और अपने बैगो में पैक कर दिया, क्योकि हमने इस होटल में कमरा एक दिन के लिए ही किराये पर लिया था और अब हमें इसे सुबह १० बजे से पहले खाली भी करना था।

रात को उदयपुर में हमारा रुकने का कोई कार्यक्रम नहीं था, क्योकि आज रात को हमें आगरा के लिए वापिस जाना था और हमारा उदयपुर-ग्वालियर सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेल (रेलगाड़ी संख्या १२९६६ और उदयपुर से गाड़ी चलने का समय रात १० बजकर २० मिनिट पर) से टिकिटो का अग्रिम आरक्षण भी था।

होटल की छत से दीखता सिटी पैलेस ।

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