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Wednesday, January 28, 2015

रेलयात्रा → आगरा से न्यू-जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी (Train Journey Agra to New Jalpaiguri,West Bengal)

Written by → Ritesh Gupta 
यात्रा दिनांक 21जून2014 से दिनांक 23जून2014
सिक्किम, हमारे देश का एक छोटा राज्य जो भारत के उत्तरी-पूर्व दिशा में स्थित है, इस राज्य की राजधानी है गंगटोक, जो की एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है । इस राज्य की सीमा का पास पश्चिम बंगाल की उत्तर दिशा स्थित है, भारत का मुख्य और विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल दार्जिलिंग, जिसे वहां के लोगो ने प.बंगाल में न होकर एक अलग राज्य के रूप में गोरखालैंड नाम से सम्बोधित करते है । सौभाग्य से मुझे इन दोनों जगह का भ्रमण का मौका मिला । इसी यात्रा के सम्बन्ध में शुरुआत करते है एक नये यात्रा लेख श्रंखला की और प्रस्तुत है इस श्रंखला का पहला लेख जो आनंदविहार, आगरा, टूंडला से जलपाईगुड़ी तक के बारे में है ।

इस बार गर्मी के मौसम में घूमने जाने के लिए हम लोगो के मन में कई विकल्प थे- जैसे जम्मू-श्रीनगर, डलहौजी-चंबा-धर्मशाला और गंगटोक-दार्जिलिंग । हम लोगो ने आपस में सलाह कर; एक सहमती बनी गंगटोक और दार्जिलिंग की यात्रा पर । इस बार इस यात्रा में साथ जाने के लिए मेरा परिवार और मेरे दो छोटे भाइयो के परिवार शामिल हुए जो कि दिल्ली एन.सी.आर. में निवास कर रहे है और साथ में एक चचेरा भाई (जो छपरा बिहार में रहते है ) का परिवार और उनके दोस्त का परिवार भी शामिल हो गया । इन लोगो ने छपरा से ही सिलीगुड़ी के लिए बस के टिकिट का अग्रिम आरक्षण करा लिया था । इस तरह से हमारी इस यात्रा के लिए काफी सदस्यों वाली एक लम्बी टीम बन गयी ।
आधी रात के समय न्यू-जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन (New Jalpaiguri Railway station at Mid Night)
यात्रा तिथि से लगभग दो महीने पहले ही रेलवे की अधिकारिक साईट (www.irctc.co.in) से नार्थ-ईस्ट सुपरफास्ट एक्सप्रेस (N.E. Express 12506 ) में आनन्द विहार से न्यू-जलपाईगुड़ी के लिए जून-21, 2014 का अग्रिम आरक्षण शयनयान श्रेणी में करा लिया गया । इसके एक हफ्ते बाद वापिसी का टिकिट इसी ट्रेन से रेलवे की साईट से ए.सी.शयनयान श्रेणी ने करने की कोशिश की गयी तो न्यू-जलपाईगुड़ी में कोटा कम होने के कारण टिकिट नहीं मिली । मेरे छोटे भाई ने अनुज ने साईट पर जाँच की तो पता चला की गुवाहाटी के कोटे की टिकिट गुवाहाटी से 185 किमी० पहले कोकरझार स्टेशन मिल जायेगी । तुरंत कोकरझार स्टेशन वापिसी की टिकिट नार्थ-ईस्ट सुपरफास्ट एक्सप्रेस (N.E. Express 12505 ) में करायी और बोर्डिंग न्यू-जलपाईगुड़ी से कराकर हम लोग निश्चिंत हो गये । इसी बीच मई के अंतिम सप्ताह में नैनीताल-भीमताल की एक और अन्य यात्रा पूरी कर ली गयी जिसके बारे में विस्तार से इस ब्लॉग पर पहले ही लिख चूका हैं ।

अब प्रतीक्षा थी यात्रा तिथि के आगमन की । बीच-बीच में अंतरजाल पर रेलवे की एक और साईट http://runningstatus.in पर जाकर नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस आगमन-प्रस्थान की जाँच भी करते रहते थे, देखने पर अक्सर यह गाड़ी अपने गंतव्य स्थल तक पहुँचने में तीन से अठारह घंटे तक लेट हो रही थी । जाने के तिथि से एक-दो सप्ताह पहले तक भी यह गाड़ी आठ से पंद्रह घंटे लेट हो होने के कारण, यह गाड़ी कई बार नयी समय-सारणी पर भी चली थी । वैसे मेरे ख्याल से दिल्ली से देश के उत्तर-पूर्व के शहर में जाने के लिए राजधानी के बाद सबसे अच्छी गाड़ी है, पर पता नहीं इसका साथ यह लेट-लतीफी का क्या कारण थे । इस यात्रा में बच्चो का साथ होने के कारण ट्रेन की इस लेट-लतीफी से यात्रा में जाने के लिए मन डावाडोल होने लगा और टिकिट रद्द कराके कही और जाने का मन करने लगा । हमने सोचा यदि ऐसा ही चलता रहा तो टिकिट रद्द करके कही और जाने का कार्यक्रम बना लेंगे । यात्रा तिथि से दो दिन पहले यह गाड़ी सही टाइम पर चलने लगी थी और गंतव्य स्थल तक पहुँचने पर केवल दो या तीन घंटे लेट हो रही थी । अब हमारा कार्यक्रम पक्का हो गया गंगटोक और दार्जीलिंग जाने का । पर यह क्या निश्चित तिथि से एक दिन पहले गुवाहटी से आने वाली गाडी (12505) आनंद विहार स्टेशन पर दस घंटे से ऊपर देर से आई तो अगले दिन हमारी जाने वाली गाड़ी (12506) का समय आनंद विहार से सुबह 6:45 से बढ़ाकर शाम के चार बजे पुन:अनुसूचित (Re-Scheduled) कर दी गयी । अब करते क्या न करते, हमारा नौ घंटे का समय बर्बाद सा ही हो गया, सो अब प्रतीक्षा करने के सिवाय  कोई दूसरा रास्ता भी न था ।

मै और मेरा परिवार इस समय आगरा में ही था और हमे टूंडला (आगरा से 25 किमी० दूर ) स्टेशन से यही गाड़ी पकड़नी थी । ठीक चार बजे आनंद विहार से मेरे दोनों भाइयो का फोन आ गया की, "हम लोग गाड़ी में बैठ गये और गाड़ी चल भी दी है, आप लोग एक घंटे बाद टूंडला के लिए निकल लेना "। हम लोग भी एक घंटे बाद आगरा से टूंडला जंक्शन स्टेशन के लिए निकल लिए । लगभग आधे घंटे में हम लोग एक बस से टूंडला चौराहे पर और वहां से पंद्रह मिनट में ऑटोरिक्शा से जंक्शन पहुँच गये, अब समय था गाड़ी के आने की प्रतीक्षा करने का । अपने पहुँचने के नये समय से एक घंटे देर से रात के आठ बजे के आसपास गाड़ी टूंडला जंक्शन पहुँच गयी । निर्धारित डिब्बे में अपनी सीट पर भाईयो के साथ बैठकर अपनी इस यात्रा का सुभारम्भ किया ।

रात में दस बजे के आसपास हम लोगो ने अपने घर से लाया खाना खाया, एक बात तो ट्रेन में खाना खाने का अपना मज़ा ही कुछ अलग है, खाने के आनंद के साथ-साथ ट्रेन की खिड़की से आती ठंडी हवा और बाहर के नजारे  । खाना खाकर हम लोग सो गये, रात में ट्रेन कई बार काफी देर तक विभिन्न स्टेशनों पर किसी गाड़ी को पास कराने के कारण में विराम अवस्था में रुकी रही, गाड़ी के रुकते ही गर्मी लगने लगती तो ट्रेन से बाहर आकार स्टेशन पर हम लोगो की चहल-कदमी चलती रहती । अपने प्रारम्भिक स्टेशन से ही नये समय पर चलने के कारण इस ट्रेन का समय सारणी पहले ही बिगड़ चुकी थी, चूँकि दूसरी और भी गाड़ियों का समय न बिगाड़ते हुए इस गाड़ी को रोककर उनका रास्ता साफ़ कर दिया जाता रहा,  इस कारण से यह ट्रेन और भी लेट होती जा रही थी । इटावा, कानपूर सेंट्रल, फतेहपुर, इलाहाबाद होते हुए सुबह के साढ़े सात बजे मुग़लसराई जंक्शन और दोपहर के डेढ़ बजे के आसपास बिहार के पटना स्टेशन से आगे निकल गये । इसी तरह सफ़र करते हुए बरौनी, मानसी, कटिहार, किशनगंज स्टेशन होते हुए यह ट्रेन रात के दो बजे (Early Morning 23June-2014) न्यू-जलपाईगुड़ी पहुँच गयी । गाड़ी की  समय सारणी के अनुसार यह ट्रेन आनन्द विहार, दिल्ली से न्यू-जलपाईगुड़ी तक 1458 किमी० की दूरी तय करने में 26 घंटे का समय लेती है, पर नये समय पर चलने के बाबजूद इस ट्रेन ने लिए पूरे 34 घंटे लिए यदि सुबह के लेट चलने का समय भी जोड़ दिया जाए तो हमे लगे पूरे 43 घंटे ।

भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में न्यू जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल के उत्तर दिशा में सिलीगुड़ी शहर में दिल्ली-गुवाहाटी रेललाइन का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है । न्यू जलपाईगुड़ी देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य प्रमुख स्टेशनों से भलीभाती जुड़ा हुआ है । सिक्किम राज्य और बंगाल के पहाड़ी नगरो की यात्रा का यह मुख्य पड़ाव बिंदु है । यहाँ से दार्जीलिंग 88 किमी० और सिक्किम की राजधानी गंगटोक 121 किमी० दूर है । सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल का एक मुख्य और व्यस्त व्यावसायिक शहर है । सिलीगुड़ी से ही खुबसूरत हिमालय पर्वत की श्रंखला शुरू हो जाती है ।

आपके लिए प्रस्तुत है, इस यात्रा के दौरान खींचे गए कुछ चित्रों  और चलचित्र  का संकलन →
टूंडला जंक्शन स्टेशन के एक छोर से नजारा (At Tundla Junction)
टूंडला स्टेशन खड़ी एक मॉल गाड़ी (A Good Train at Tundla Railway Station)
North-East Express 12506 but displaying 12505 (स्टेशन पर खड़ी नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस)
झिन्गुरा - मिर्ज़ापुर और मुगलसराई बीच पास करती एक स्टेशन (On the Way Mirzapur to MugalSarai Jn.)
Train at Mugal Sarai Janction (मुगलसराई जंक्शन पर पहुंचती ट्रेन )
Near Rajendra Pul, Ganga River Area (बिहार में पटना के राजेंद्र नगर में गंगा नदी के रेल पुल से गंगा के मैंदान का द्रश्य )
Video Taken from Rajendra Pul Train Bridge (Passing Holy Ganga River) राजेंद्र पुल का एक चलचित्र   
आधी रात के समय न्यू-जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन का उपरगामी सेतु (Over Bridge at New-Jalpaiguri Railways Station)
रात के समय स्टेशन से बाहर का द्रश्य (New JalPaiguri Railway Station )
Over Bridge Stair at New Jalpaiguri Railway Station (न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन )
आगरा से न्यू-जलपाईगुड़ी के रेलयात्रा वाले इस लेख अब यही विराम देते है । आशा करता हूँ आपको यह लेख पसंद आया होगा । टिप्पणी के माध्यम से आप लोगो का उत्साहवर्धन की प्रतीक्षा रहेगी । जल्द ही मिलते है इस श्रृंखला के अगले नये लेख न्यू जलपाईगुड़ी से गंगटोक यात्रा के साथ, तब तक के लिए आपका सभी का धन्यवाद  !   ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬  
गंगटोक (सिक्किम), दार्जिलिंग श्रृंखला के लेखो की सूची :  
1. रेलयात्रा → आगरा से न्यू-जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी (Train Journey Agra to New Jalpaiguri,West Bengal) 
3. एक नजर, गंगटोक शहर, सिक्किम (Sight Seen to Gangtok City, Sikkim)   
4. गंगटोक शहर के स्थानीय स्थलों का भ्रमण, सिक्किम (Sight Seen to Gangtok City, Sikkim)     
5. बाबा हरभजनसिंह मंदिर, सिक्किम-Baba HarbhajanSingh Temple (Travel to East Sikkim, Gangtok)
6. छंगू झील का सफ़र, सिक्किम - Tsomgo Lake (Travel to East Sikkim, Gangtok) 
7. गंगटोक से दार्जिलिंग का सफ़र (Travel to Darjeeling, West Bengal )
8. पर्वतीय नगर दार्जीलिंग की सैर (Sight Seen of Darjeeling Hill Station, West Bengal) 
9. प्रकृति से मुलाकात - दार्जीलिंग नगर की सैर में  (Sight Seen of Darjeeling, West Bengal)   
10. दार्जीलिंग नगर की सैर - नये स्थलों के साथ  (Siight Seen of Darjeeling 2, West Bengal)  

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23 comments:

  1. Nice photos!

    -Venkat
    http://liveandexpress.wordpress.com

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  2. रितेश जी,
    नई श्रंखला शुरू करने के लिये धन्यवाद. पहली पोस्ट पढ़कर ही रोमांच हो आया. लगता है बहुत मज़ा आनेवाला है इस श्रंखला में. अगली पोस्ट का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा......

    धन्यवाद,
    मुकेश ....

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    Replies
    1. मुकेश जी..... नमस्कार !
      टिप्पणी द्वारा प्रोह्तासाहित करने के लिए आपका धन्यवाद.....
      नई पोस्ट जल्दी ही प्रकाशित होगी

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  3. Bilkul Ritesh ji ,hume ye lekh bahut pasand aaya. aapki lekhan shaili ke to hum kayal hain hi.subh yatra.

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    1. उत्साहवर्धन के धन्यवाद रुपेश जी ...

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  4. Dear Ritesh,

    Excellent log and photos. Thanks for sharing

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  5. Wonderful share Ritesh ! Thnx n

    चरैवेति ....:)

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  6. good start.waiting eagerly for the following post.nice pics.

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  7. रेल यात्रा का बेहतरीन विवरण

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    1. धन्यवाद हर्षिता जी.......

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  8. बहुत रोचक प्रस्तुति...

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    1. धन्यवाद कैलाश जी.....

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  9. बहुत बढ़िया हम सफर में साथ है -- ये सफर तो शुरू ही कठनाईयो से शुरू हुआ है कोई बात नहीं ? सफर जब शुरू किया जाये तो आराम भूल ही जाना चाहिए और कठनाइयो में भी मज़ा लूटना चाहिए

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    1. दर्शन जी..... नमस्कार !
      सही कहा आपने टिप्पणी के माध्यम से .....
      धन्यवाद

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  10. ​नई जलपाईगुड़ी , बहुत ही सुन्दर स्टेशन है ! और आपके द्वारा लिए गए इसकी सुंदरता को बझूबी व्यक्त कर रहे हैं रितेश जी ! मुझे तीन चार बार उधर से जाने का अवसर मिला है , अच्छा लगता है ! और आज आपके ऐड पर हिट भी

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    1. योगी जी ....
      सही कहा आपने.....पहाड़ो की तलहटी में बसा नई जलपाईगुड़ी स्टेशन बहुत ही सुन्दर.....

      उत्साहवर्धक कमेंट के करने के लिए आपका आभार .....

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  11. अरे वाह वाकई ​नई जलपाईगुड़ी , बहुत ही सुन्दर स्टेशन है ! जाने का जाने का अवसर तो नहीं मिला पर इसकी सुंदरता को आपके कैमरे से जाना :)

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    1. संजय भास्कर जी.....
      सही कहा आपने बहुत ही सुन्दर स्टेशन है .......
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद

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  12. Excellent pics bro. Nicely presented.

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