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Monday, July 16, 2012

मनिकरण ( Manikaran )→ पवित्र स्थल का भ्रमण (एक सुहाना सफ़र मनाली का….6)

Written By - Ritesh Gupta 
 
नमस्कार दोस्तों ! पिछले लेख में मैंने आप लोगो को व्यास और पार्वती नदी घाटी के बीच बसे “पवित्र स्थल मनिकरण” के बारे में वताया था, जिसे आप मेरे पिछले लेख “एक सुहाना सफ़र मनाली का….5″ में पढ़ सकते हैं । आइये अब चलते हैं इस श्रृंखला के अंतिम लेख “पवित्र स्थल मनिकरण के भ्रमण” पर ।

सुबह मनाली से चलने के बाद कार की साहयता से तीन बजे के आसपास हम लोग मनिकरण पहुँच ही गए । मनिकरण में धूप तेज थी पर मौसम काफी ठंडा था, पूरी घाटी में पार्वती नदी का शोर किसी मधुर संगीत की तरह गुंजायमान था । यहाँ पहुँचने के बाद के सबसे पहले एक खाली स्थान देखकर कार को सड़क के किनारे लगा दिया और एक होटल की तलाश करने अपने छोटे भाई अनुज के साथ निकल पड़ा । कई होटल छानमारे पर सस्ता होटल हमें कही नहीं मिला, ज्यादातर सभी होटल के कमरे का किराया रु०1500/- प्रतिदिन से अधिक ही बताया जा रहा था और ऊपर से यह कह रहे थे जल्दी से यही कमरे ले लो नहीं तो सप्ताहांत होने के कारण दिल्ली वाले आ जायेगे और आपको फिर कोई कमरा भी नहीं मिलेगा । फिर भी हमने अपनी तलाश जारी रखी करीब आधे घंटे की मेहनत रंग लाई ही गयी और पार्वती नदी के किनारे टैक्सी स्टैंड से पहले एक होटल (अब नाम याद नहीं हैं) पहुँच गए ।


Manikaran Town in the Morning (सुबह के समय मनिकरण का नजारा )

होटल लगभग पूरा खाली था, कई सारे रूम देखने के बाद हमें उस होटल का एक कमरा पसंद आ गया, कमरा काफी सुव्यवस्थित और बड़ा था । कमरे की बालकनी से बहती पार्वती नदी का सुन्दर द्रश्य नजर आ रहा था और उस कमरे लगे बाथरूम भी काफी बड़ा और साफ़ सुधरा था । उसने हमें उस कमरे के रु.1200/- बताये और उससे एक रुपया भी नीचे करने को तैयार नहीं हुआ, उसने कहाँ की,”आपको अभी यह होटल खाली नजर आ रहा हैं, पर रात तक यह पूरा भर जायेगा ।” काफी कहने पर पर वो एक अतरिक्त बिस्तर देने को राजी हो गया था । सबसे अच्छी बात इस होटल की थी कि इसकी अपनी तीन या चार कार लायक पार्किंग की भी व्यवस्था थी । हमने होटल के उस कमरे को कुछ अग्रिम राशि देकर आरक्षित कर लिया । कार को होटल की पार्किंग में लगाकर कमरे में सारा सामान पंहुचा दिया । यहाँ के होटलों की एक खास बात यह की होटलो में गर्म पानी के लिए गीजर की कोई व्यवस्था नहीं हैं । यहाँ के होटलों में गर्म पानी की आपूर्ति नदी के उस पार स्थित गर्म कुंड से होती हैं, जो चार-पांच मिनट गर्म पानी का नल खुला छोड़ने पर गर्म पानी आने लगता हैं ।

लगभग एक घंटा सफ़र की थकावट उतारने के बाद हम लोग गर्म कुंड में नहाने के इरादे पार्वती नदी के दाई तरफ के मंदिर, पुराने बाज़ार की ओर चल दिया । टैक्सी स्टैंड के अंतिम छोर से पार्वती नदी को एक पुल की साहयता से पार किया । पुल के नीचे से अपने अथाह जलराशि के साथ रोद्र रूप में बहती पार्वती नदी काफी वेगमान, भयानक और मन को अति सुन्दर लग रही थी । पुल पार करने के बाद सबसे पहले प्राचीन श्री राम मंदिर नजर आया, इस मंदिर में गर्म कुंड के पानी में नहाने की व्यवस्था भी हैं । थोड़ा आगे बढ़ने पर नैना भगवती मंदिर हैं और वही पर एक छोटे से चौराहे पर लकड़ी का पुराना सुन्दर रथ जगन्नाथजी की यात्रा हेतु रखा हुआ था । चौराहे से आगे जाने पर प्राचीन मंदिर श्री रघुनाथ जी का आया हैं, इस मंदिर के बाहर बेहद ही गर्म उबलते पानी का एक चश्मा(कुंड) सड़क के समीप ही था, जिसमे से बहुत तेजी से गर्म भाप निकल रही थी । प्रकृति का यह चमत्कार देखकर कर हम प्रभु के सामने नतमस्तक हो गए । यह कुंड इतना गर्म था कि आप किसी कपड़ो में कच्चे चावल या चने बांधकर इस कुंड में छोड़ कुछ मिनटों में उबलकर पक जाते हैं । इसी उबलते चश्मे के पीछे नहाने का पानी से भरा हुआ एक स्नानागार कुंड बनाया हुआ था, पर इस स्नानागार का पानी अत्यधिक गर्म होने के कारण आज बंद था । यहाँ पर महिलाए और पुरुषों दोनो के लिए अलग-अलग नहाने कि व्यवस्था हैं । गर्म कुंड का पानी गंधक युक्त हैं और इस पानी में नहाने से चर्म सम्बन्धी सारे रोग दूर हो जाते हैं ।

Monday, July 9, 2012

मनिकरण ( Manikaran )→ पार्वती घाटी का पवित्र स्थल (एक सुहाना सफ़र मनाली का….5)

Written By Ritesh Gupta
नमस्कार दोस्तों ! पिछले लेख में मैंने आप लोगो को मनाली के सोलांग घाटी (Solang Valley) के यात्रा के बारे में वताया था, जिसे आप मेरे पिछले लेख एक सुहाना सफ़र मनाली का….4 में पढ़ सकते हैं । आइये अब चलते हैं व्यास और पार्वती नदी घाटी के बीच बसे “पवित्र स्थल मनिकरण की यात्रा “ पर ।

View Kullu City from MDR-29 (व्यास नदी के पार नजर आता खूबसूरत कुल्लू नगर)
दिन शुक्रवार, 25 जून 2010 को हम लोग सुबह 7:00 बजे के आसपास नींद उठ गए और मनाली की इस सुबह का स्वागत हुआ मूसलाधार वारिश से । हम लोग लगभग एक घंटे में अपने नित्यक्रम से निवृत हुए, तब तक बारिश हल्की पड़ चुकी थी और कुछ बूंदाबांदी ही सी हो रही थी । तेज बारिश पड़ने से मनाली मौसम बहुत ही रूमानी हो गया था और हवा में नमी का इजाफा भी पहले के अपेक्षा अधिक हो गया था । हम लोगो ने आज वशिष्ठजी जाने और वही गर्म कुंड में नहाने की योजना बना रखी थी । कार चालक को जगाकर उसे चलने के लिए कहा तो उसने कहा की आज मनिकरण चलते हैं, वह जगह वशिष्ठजी से भी अच्छी हैं और कई गर्म पानी के कुंड भी वहाँ यदि एक-डेढ़ घंटे बाद भी हम लोग निकलेंगे तो सही समय पर मनिकरण पहुँच जायेगे । हमें उसकी बात जंच गयी । थोड़ी देर में चाय-नाश्ता करने के बाद होटल के कमरे में जाकर अपना सारा इधर-उधर बिखरा सामान समेटा और बैगो में जल्दी से पैक किया । होटल के काउंटर पर जाकर अपने दो दिन का हिसाब बनवाया और बिल भुगतान (कुल रु०1725/- का बिल बना जिसमे हमारे दो दिन का कमरे का किराया और कुछ चाय-कोफ़ी-दूध का भी हिसाब था ) करने के बाद होटल चेक आउट कर दिया । होटल के वेटरो की साहयता से सारा सामान कार की डिक्की में रखवाया, उनको टिप के रूप में कुछ रूपये दिए । चलने की पूरी तैयारी होने और सभी लोगो के कार में बैठने के बाद सुबह के लगभग 10:00 बजे के आसपास हम लोगो ने मनाली को अलविदा किया और सुहाने और भीगे मौसम का आनन्द लेते हुए, चल दिए नए स्थान पार्वती घाटी में स्थित पवित्र स्थल मनिकरण की ओर ।

Kullu City Behind Vyas River (पहाड़ों के साये में कुल्लू शहर का खूबसूरत नजारा और दिखता गुरुद्वारा )

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