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Tuesday, March 14, 2023

काल्पी - महर्षि वेद व्यास की जन्मभूमि मन्दिर

अपना देश भारत अनादि काल से ऋषि मुनियों की धरती रही है और समय-समय पर इनके द्वारा हिन्दू धर्म को मार्ग दर्शन मिला है जो आज भी इनके द्वारा रचित वेद पुराणों, ग्रन्थों और महाकाव्य के रूप विद्यमान है । इन्ही महान ऋषियों में एक महर्षि थे वेदव्यास जी, जिन्होंने महाभारत नाम के काव्यग्रन्थ की रचना की थी । अपने श्री मुख से व्यास जी महाभारत महाकाव्य का उच्चारण किया था और भगवान गणेश जी के द्वारा लिखी गयी ये रचना आज हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी और प्रमुख रचना है जो जीवन के सन्देश के साथ सत्य और असत्य का बोध कराती है ।

अपने एक मित्र के विवाह समारोह के लिये काल्पी नगर जाना हुआ । काल्पी एक छोटा नगर है जो उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में आता है । यमुना नटी के किनारे बसे नगर के भृमण के दौरान ज्ञात हुआ कि काल्पी अपनी ऐतिहासिक छवि (ऐतिहासिक छवि के बारे अन्य लेख में) के साथ-साथ महर्षि वेदव्यास जी की जन्मभूमि भी है । 

विवाह समारोह के उपरांत अगले दिन हम लोग महर्षि वेद व्यास जी के मन्दिर जा पहुँचे । यहाँ पर व्यास जी के दो मन्दिर है । एक मन्दिर नया बना हुआ जो श्री बाल व्यास नाम से है, ये मन्दिर बड़ी जगह में और बहुत खूबसूरती बना हुआ है । मन्दिर गर्भ गृह में व्यास जी के पिता ऋषि परासर जी और माता सत्यवती की गोद मे बाल व्यास को  काले रंग की मूर्ति रूप में स्थापित किया हुआ है । मन्दिर प्रांगण के परिक्रमा पथ में काले पत्थर की मूर्तियो को स्थापित किया गया । 

श्री व्यास जी के प्राचीन मंदिर नए मन्दिर के समीप ही एक ऊंचे टीले पर विद्यमान है । ऊपर तक जाने के लिए सीढ़िया बनी हुई है । प्राचीन मंदिर अपनी पुरानी अवस्था मे ही है । मंदिर प्रांगण साफ सुधरा और बहुत अच्छी हालत में है । इस प्राचीन मंदिर में महर्षि वेद व्यास जी के प्रतिमा स्थापित है, पुजारी जी के द्वारा समय पर आरती वंदन किया जाता है । मन्दिर परिसर से यमुना तट सामने ही नजर आता है । महर्षि वेद व्यास के दर्शन करने के पश्चात कुछ देर मन्दिर में बैठे रहे और पुजारी जी मन्दिर के बारे जानकारी ली । इसके बाद मन्दिर में से विदा लेकर हम लोग अपने राह पर निकल गए ।


#Safarhaisuhana #kalpi #vedvyas #uttarpardesh #jalaun #temple #vyastemple #mahabharat 


स्थान : काल्पी 

समय : फरवरी 2023

प्रस्तुत है कुछ चित्र काल्पी के श्री वेद व्यास मन्दिर के 










इन चित्रों  के साथ इस लेख का समापन करता हूँ मिलते है फिर किसी नए लेख में नई जगह के साथ ।

धन्यवाद 

Tuesday, June 13, 2017

श्री वृन्दावन धाम - एक दिव्य स्थल (Vrindavan - A Divine Place )

Written By Ritesh Gupta

राधे राधे !
ये दिव्य शब्द वृन्दावन की गलियों में हर तरफ गूंजता सुनाई देगा, क्योकि ये नगरी भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भक्ति से ओतप्रोत भक्तो की नगरी जो है । यहाँ के निवासी/अनिवासी अभिवादन स्वरूप आपस मे एक दूसरे से यही "राधे राधे" शब्दो का उपयोग करते है । एक कहावत है - जहाँ के कण कण में बसे हो श्याम वो श्री वृन्दावन धाम । यहाँ की मृदा, वायु और जल मे सब जगह भगवान श्रीकृष्ण का वास माना जाता है, इस तीर्थ क्षेत्र की यात्रा करने वाला भक्त अपने आपको बहुत सौभाग्यशाली मानता है और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में सारोबार हो जाता है । इस क्षेत्र को बृज क्षेत्र या बृज भूमि कहते है जिसमे मथुरा, वृन्दावन, गोकुल, गोवर्धन,  आगरा , धोलपुर, जलेसर, भरतपुर, हाथरस, अलीगढ, इटावा, मैनपुरी, एटा, कासगंज और फ़िरोज़ाबाद आदि जिले आते है । चलिये चलते है इस पोस्ट के माध्यम से उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध वृंदावन धाम की पावन यात्रा पर -

रंगीन प्रकाश से अद्भुत छवि प्रस्तुत करता है "प्रेम मंदिर", वृन्दावन  (Colorful by Light beautiful Prem Mandir, Vridavan)

Saturday, April 30, 2016

शुभारम्भ - कश्मीर यात्रा का ( Travel to Paradise - Kashmir.. 1 )

Written By Ritesh Gupta

कश्मीर के बारे में किसी लेखक ने कहा है की "यदि स्वर्ग कही तो वो यही है, यही है "।  वैसे स्वर्ग तो किसी ने नहीं देखा होगा, यदि होगा तो कश्मीर की धरती जैसा ही होगा क्योकि इस प्रदेश की धरती पर प्राकृतिक सुन्दरता चहुँ ओर बिखरी पड़ी हुई है । "जम्मू और कश्मीर राज्य" पर्यटन द्रष्टि से देश के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है, जो भारत की उत्तरी दिशा में हिमालय पर्वत श्रंखला गोद में स्थित है । ये एक सीमांत प्रदेश है, जिसके एक तरफ (उत्तर और पश्चिम)  पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दूसरी तरफ (पूर्व दिशा) चीन स्थित है । इस राज्य के बारे में और अधिक जानने के लिए ब्लॉग इस पेज जम्मू & कश्मीर  पर जाइए । सौभाग्य से कई सालो के बाद हमे भी राज्य का भ्रमण का मौका हमारे हाथ लगा सो हमने भी इस राज्य का भ्रमण कर लिया । ये यात्रा में मैंने जून -2015 में पूर्ण की गयी थी । लीजिये आपके सामने प्रस्तुत है इस कश्मीर यात्रा का प्रथम भाग ।
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कश्मीर की शान और पहचान - डल झील, श्रीनगर  (Dal lake, Shrinagar, Kashmir)

Tuesday, March 8, 2016

कीठम झील सूर सरोवर पक्षी विहार..Keetham Lake, Runkata,Agra (कुछ पल आगरा से ......7)

आगरा दुनियाभर में जाना पहचाना नाम और एक विश्वप्रसिद्ध पर्यटक शहर जिसे अपनी पहचान देने की कोई आवश्यकता नही, क्योकि इस ऐतिहासिक शहर में विश्व धरोहर सूचि में शामिल तीन स्थल मौजूद है , एक ताजमहल, दूसरा लाल किला और तीसरा फतेहपुर सीकरी । अधिकतर देशी-विदेशी पर्यटक और घुमंतू व्यक्ति दुनिया की सबसे खूबसूरत ईमारत और भारत का आश्चर्य ताजमहल की वजह से इस शहर में आते है और कम जानकारी की वजह से ताजमहल के आलावा आगरा के कुछ और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल का भ्रमण करके कर लौट जाते है । चलिए आज आपको ले चलते है आगरा के एक प्राकृतिक स्थल की सैर पर →

कीठम झील सूर्यास्त के समय ( Keetham Lake at the time of Sunset)

Wednesday, January 28, 2015

रेलयात्रा → आगरा से न्यू-जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी (Train Journey Agra to New Jalpaiguri,West Bengal)

Written by → Ritesh Gupta 
यात्रा दिनांक 21जून2014 से दिनांक 23जून2014
सिक्किम, हमारे देश का एक छोटा राज्य जो भारत के उत्तरी-पूर्व दिशा में स्थित है, इस राज्य की राजधानी है गंगटोक, जो की एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है । इस राज्य की सीमा का पास पश्चिम बंगाल की उत्तर दिशा स्थित है, भारत का मुख्य और विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल दार्जिलिंग, जिसे वहां के लोगो ने प.बंगाल में न होकर एक अलग राज्य के रूप में गोरखालैंड नाम से सम्बोधित करते है । सौभाग्य से मुझे इन दोनों जगह का भ्रमण का मौका मिला । इसी यात्रा के सम्बन्ध में शुरुआत करते है एक नये यात्रा लेख श्रंखला की और प्रस्तुत है इस श्रंखला का पहला लेख जो आनंदविहार, आगरा, टूंडला से जलपाईगुड़ी तक के बारे में है ।

इस बार गर्मी के मौसम में घूमने जाने के लिए हम लोगो के मन में कई विकल्प थे- जैसे जम्मू-श्रीनगर, डलहौजी-चंबा-धर्मशाला और गंगटोक-दार्जिलिंग । हम लोगो ने आपस में सलाह कर; एक सहमती बनी गंगटोक और दार्जिलिंग की यात्रा पर । इस बार इस यात्रा में साथ जाने के लिए मेरा परिवार और मेरे दो छोटे भाइयो के परिवार शामिल हुए जो कि दिल्ली एन.सी.आर. में निवास कर रहे है और साथ में एक चचेरा भाई (जो छपरा बिहार में रहते है ) का परिवार और उनके दोस्त का परिवार भी शामिल हो गया । इन लोगो ने छपरा से ही सिलीगुड़ी के लिए बस के टिकिट का अग्रिम आरक्षण करा लिया था । इस तरह से हमारी इस यात्रा के लिए काफी सदस्यों वाली एक लम्बी टीम बन गयी ।
आधी रात के समय न्यू-जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन (New Jalpaiguri Railway station at Mid Night)

Tuesday, December 16, 2014

श्री अहिक्षेत्र अतिशय तीर्थ क्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर, रामनगर गाँव, आमला, बरेली (Parshvnath Jain Temple)

Written by → Ritesh Gupta 
पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा नैनीताल शहर के यात्रा के बारे में । अब इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आप लोगो के चलते है, रामनगर गाँव, आमला, बरेली में स्थित श्री अहिक्षेत्र पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर (श्री अहिच्छत्र ) के यात्रा वृतांत पर ।

नैनीताल से वापिसी के बाद शाम के साढ़े सात बजे के आसपास भीमताल स्थित होटल ताल पैराडाईज पहुँचने  के बाद कमरे में आराम किया । साढ़े आठ बजे के आसपास होटल के रेस्टोरेंट से रात के खाने के बुलावा आ गया । खाना कल की तरह बुफे तरीके से होटल के पूर्व नियोजित मेन्यू के हिसाब से रेस्तरा में लगाया गया था, खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चल दिए । अगले दिन सुबह नींद जल्दी ही खुल गयी, कमरे की बालकनी से भीमताल और उसके पीछे के पहाड़ी से सूर्योदय का शानदार नजारा सम्मोहित कर रहा था, और प्रात काल के वेला में झील का नजारा बड़ा ही सुन्दर लग रहा था ।  सामने के पहाड़ों के मध्य से आती मंत्रो की ध्वनि मन को पुलकित कर रही थी, शायद यह आवाज यहाँ पर बसे ओशो के आश्रम से आ रही थी । खैर आज हमारी यहाँ से वापिसी थी, सो अपनी दैनिक कार्य-कलापों से निपट कर होटल के रेस्तरा से नाश्ता करके वापिस जाने के लिए तैयार हो गए ।

श्री अहिक्षेत्र पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर, रामनगर गाँव, आमला, बरेली (Parshvnath Jain Temple, Amla)

Saturday, July 12, 2014

आगरा से भीमताल वाया बरेली (Agra to Bhimtal Via Bareilly → Road Review )

Written by → Ritesh Gupta 
नैनीताल का सफ़र मैं पहले भी कर चुका हूँ और इसके बारे सम्पूर्ण यात्रा वृतांत "सफ़र कुमाऊँ का" नाम की श्रृंखला के माध्यम से इसी ब्लॉग पर लिख चुका हूँ । विगत दिनों सौभाग्य से मुझे, फिर से अपने ऑफिस के मित्रों के नैनीताल क्षेत्र की यात्रा मौका मिला । इस पोस्ट के यात्रा वृतांत के माध्यम से आप भी चलिए मेरे साथ इस यात्रा पर, पर संभल कर कही खो न जाना इस सफ़र पर ।
Amazing Bhimtal Lake with its Island (खूबसूरत भीमताल अपने एक छोटे से टापू के साथ )

Tuesday, May 13, 2014

महताब बाग ( Mehtab Bagh )→ मुगलकालीन खूबसूरत बाग (कुछ पल आगरा से ......7)

Written By→ Ritesh Gupta
पिछले लेख में हम लोगों ने ताजमहल के पूर्वी गेट के तरफ स्थित खूबसूरत उद्यान "ताज नेचर वॉक" का अवलोकन किया था । ऐतिहासिक शहर आगरा  में ताजमहल और लाल किला के अलावा भी बहुत कुछ है देखने लायक । कुछ पल आगरा से की श्रृंखला में एक और कड़ी को जोड़ते हुए अब आपको ले चलते है, ताजमहल के ठीक दक्षिणी द्वार के सामने यमुना पार नदी के बाएँ तट पर स्थित "महताब बाग  Mehtab Bagh" की सैर पर, जिसे चाँदनी बाग भी कहा जाता है ......

मुगलकाल के अधिकतर मुगल बादशाह प्रकृति प्रेमी थे, साथ ही साथ आलिशान भवन बनवाने के जुनूनी भी थे । वे जहाँ भी जाते वहाँ अपने आराम-गाह और ठहरने के लिए हरे-भरे बाग, झरने, स्मारक, भवन और नहरे बनवाया करते थे । महताब बाग भी उसी मुगलकालीन शैली में निर्मित एक ऐतिहासिक बाग है, जो ताजमहल के दक्षिणी दरवाजे के ठीक सामने यमुना नदी के पार लगभग उतने ही क्षेत्रफल में विकसित है; जितने में की प्रसिद्ध ताजमहल । महताब बाग एत्माद्दौला से कुछ किलोमीटर दूर बसे कच्छपुरा नाम के गाँव पास स्थित है, शहर के अन्य स्मारकों की तरह महताब बाग भी बड़ी संख्या में सैलानियों और फिल्मो को शूटिंग करने वालो को अपने आकर्षित करता है ।
कच्छपुरा गाँव स्थित महताब बाग से नजर आता ताजमहल ( A Taj Mahal View from Mehtab Bagh, Kachhpura, Agra )

Monday, April 7, 2014

ताज नेचर वॉक (Taj Nature Walk, AGRA) → प्रकृति से ताज के दर्शन (कुछ पल आगरा से ....... 6)

Written By→ Ritesh Gupta

मोहब्बत की नगरी, प्यार और सौहार्द की नगरी आगरा जिसे हम लोग प्यार से ताजनगरी कहते है; और यह ताजनगरी केवल अपने मुगलकालीन एतिहासिक ईमारतो और स्मारको के लिए नहीं अपितु अपने खूबसूरत उद्यानो और पार्को के लिए भी प्रसिद्ध है । आज कुछ पल आगरा से" की श्रृंखला में आप लोगो के एक ऐसे ही पार्क की सैर पर ले चलता हूँ, जो ताजमहल के साये में बसा हुआ है जिसका नाम है "ताज नेचर वॉक" । तो आइये चलते है आगरा के इस प्रसिद्ध पर्यटक स्थल ताज नेचर वॉक (Taj Nature Walk) की सैर पर .......

वैसे आजकल हम लोग शहरो के आधुनिकीकरण के कारण प्रकृति से अछूते होते जा रहे है । शहरो में हरियाली, पेड़-पौधे, चहचहाटे पक्षियों को देखना लगभग दुर्लभ सा होता जा रहा है । यदि हम लोगो को शहर के मध्य या आसपास प्रकृति के सान्निध्य में कुछ पल गुजारने का मौका मिल जाये तो हमारे लिए वरदान जैसा ही है । आगरा शहर में प्रकृति की इस कमी को काफी हद पूरा करता है "ताज नेचर वॉक" जो विश्व प्रसिद्ध ईमारत ताजमहल के पूर्वी दरवाजे से लगभग 500 मीटर दूर काफी बड़े भूभाग में स्थित है ।

ताज नेचर वॉक, प्रकृति से ताजमहल के दर्शन (A Tajmahal View from Taj Nature Walk)

Thursday, February 27, 2014

अकबर का मकबरा, सिकन्दरा, आगरा (Akbar Tomb, AGRA) → बादशाह का आरामगाह (कुछ पल आगरा से ....... 5)

Written By→ Ritesh Gupta
" कुछ पल आगरा से " श्रृंखला के पिछले लेख में मैंने आपको आगरा के एत्माद्दौला (बेबी ताज) के बारे वर्णन किया था अब इसी श्रृंखला के अग्रसर करते हुए आज के इस लेख में आपको लिए चलते है, आगरा के एक और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल " अकबर का मकबरा (सिकन्दरा) Akbar Tomb " की सैर पर .......

ऐतिहासिक शहर होने के कारण आगरा में जगह-जगह मुगलकालीन उत्कृष्ट कृतियों के दर्शन होना आम बात है । इन्ही में से एक है "अकबर का मकबरा" जो राष्ट्रिय राजमार्ग के सिकन्दरा नाम की जगह गुजरते हुए हमेशा से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है मुगलकालीन वास्तुशिल्प से अलंकृत मुगल साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध बादशाह अकबर का मकबरा; आगरा का तीसरा सबसे बड़ा पर्यटक स्थल है, जो आगरा के सिकन्दरा नामक स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2 Agra to Mathura ) पर स्थित है। 

आगरा के सिकन्दरा स्थित मुग़ल बादशाह अकबर का मकबरा ( Mughal Emperor Akbar Tomb, Agra )

Friday, December 6, 2013

एत्मादुद्दौला, आगरा → Itmad-ud-Daulah (Baby Taj), Agra ( कुछ पल आगरा से....... 4 )

Written By→ Ritesh Gupta
"कुछ पल आगरा से" श्रृंखला के पिछले लेख में मैंने आपको आगरा के लाल किले के बारे बताया था और उस सुन्दर स्मारक की सैर भी की थी । अब इसी श्रृंखला के अग्रसर करते हुए इस लेख में आपको लिए चलते है, आगरा के एक और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल " Itmad-ud-Daulah (Baby Taj), Agra (एतमादुद्दौला, आगरा )" की सैर पर .......

एतिहासिक शहर होने के कारण वैसे तो आगरा में स्मारकों की भरमार है, उनमे से आगरा के कई बड़े स्मारको के बीच एक और खूबसूरत स्मारक एत्मादुद्दौला भी अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है । कुछ ताजमहल जैसी आकृति का नजर आने वाला और धवल संगमरीमरी स्मारक होने के कारण इसे "बेबी ताज" के नाम से भी पुकारा जाता है । यह स्मारक भी आगरा की अन्य स्मारकों की तरह मुगलकालीन निर्माण शैली का अतुलनीय उदाहरण है  यह स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित ईमारत है ताजमहल, लालकिले बाद आगरा में इस स्मारक पर भी काफी अच्छी मात्रा देशी-विदेशी अवलोकन करने हेतु यहाँ पर आते है । 


Etmad-ud-Daulah Tomb (एत्मदुदौला का मकबरा )

Thursday, August 22, 2013

लाल किला (Red Fort, Agra) → आगरा की एक और विश्व धरोहर (कुछ पल आगरा से ......3)

Written By→ Ritesh Gupta
कुछ पल आगरा से " श्रृंखला के पिछले लेख में मैंने आपको ताजमहल के बारे बताया था और उस सुन्दर स्मारक की सैर भी की थी । अब इसी श्रृंखला के अग्रसर करते हुए इस लेख में आपको लिए चलते है, विश्व धरोहर सूची में शामिल आगरा का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल " आगरा के लाल किला " की सैर पर .......

ताजमहल से केवल दो किलोमीटर दूरी पर बना आगरा का लाल किला दुनिया भर में सुन्दरतम किले के रूप में विख्यात आगरा में ताजमहल के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध स्थल है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में सम्मान सहित शामिल है । मुगलों की पीड़ी दर पीड़ी इतिहास का गवाह रहा यह किला यमुना नदी के किनारे बना हुआ, बेहद मजबूत, सुन्दर और स्थापत्यकला की द्रष्टि से देश का महत्वपूर्ण किला है । प्रतिदिन हजारों के संख्या में पर्यटक और घुमक्कड़ इस किले को देखने आते हैं और मुगलकालिन शैली से अपना परिचय करते है 

Main Entrance Gate of Red Fort, Agra (लाल किले का मुख्य प्रवेश द्वार )

Tuesday, June 18, 2013

ताजमहल (TAJMAHAL) → विश्व की एक खास धरोहर (कुछ पल आगरा से ......2)

Written By→ Ritesh Gupta
प्रिय मित्रों ! " कुछ पल आगरा से " श्रृंखला के पिछले लेख में मैंने आगरा के बारे में कुछ जानकारियां प्रस्तुत की थी । अब इसी श्रृंखला के बढ़ाते हुए इस लेख में आपको लिए चलते है, विश्व प्रसिद्ध दुनिया के लिए एक आश्चर्य खूबसूरत स्मारक ताजमहल की सैर पर .......

ताजमहल एक ऐसा नाम जिसे लेते ही एक खूबसूरत ईमारत की आकृति आँखों के सामने उभर आती है और मुगल बादशाह शाहजहाँ के अपनी बेगम मुमताज महल के लिए अजीमो प्यार का एक खूबसूरत अहसास दिला देती है । ताजमहल केवल एक स्मारक नहीं बल्कि प्यार करने वालो के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है, किसी शायर ने ताजमहल के बारे में कुछ ऐसा कहा है " एक ताजमहल संगेमरमर का जैसे प्रेमी के गाल पे ढरका एक आँसू " । 

The Tajmahal, Agra ( पेड़ पौधे के बीच से ताज का सुहाना नजारा  )

Tuesday, May 28, 2013

आगरा (Agra) → कुछ जानकारी ताजनगरी के बारे में (कुछ पल आगरा से ......1)

Written By→ Ritesh Gupta
अब तक मैंने कुमाऊं श्रृंखला के माध्यम से कुमाऊं के विभिन्न स्थलों के यात्रा का वर्णन किया था । अब हम पहाड़ों निकल कर आपको ले चलते है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विश्व मानचित्र पर सबसे अधिक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल आगरा शहर की सैर पर । 

आगरा शहर उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरो में एक है । मुगल बादशाह के असीम प्रेम का प्रतीक ताजमहल के  कारण आगरा मधुयामिनी मनाने (Honeymoon Desination) वालो के लिए आदर्श पर्यटक स्थल बन गया है, वैसे दुनिया भर के अधिकतर लोगो इच्छा होती है कि अपने जीवनकाल में इस खूबसूरत ताजमहल का एक दीदार अवश्य करे। भौगोलिक द्रष्टि से यह प्रदेश के पश्चिमी इलाके में यमुना नदी के किनारे बसा हुआ काफी बड़ा शहर है । आगरा शहर पश्चिम में  राजस्थान और दक्षिण पर मध्य प्रदेश सीमा से घिरा हुआ हैं ।  राष्ट्रिय राजमार्ग संख्या  NH-2 ( Kolkata - Delhi), NH-3 (Agra-Mumbai), NH-11 (Agra - Jaipur - Bikaner,) और NH-93 (Agra - Aligarh- Moradabad) आगरा को भारत के अधिकतर छोटे और बड़े शहरो से बखूबी जोड़ते है । अभी कुछ साल पहले निर्मित भारत का आधुनिकतम एक्सप्रेसवे छह लाइन यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway Agra - Greater Noida 165km ) ने दिल्ली को और नजदीक ला दिया है । 

Beauty of the mortal love...THE TAJMAHAL (दुनिया का एक अजूबा - खूबसूरत ताजमहल )

Sunday, September 9, 2012

गोवर्धन (Goverdhan)→ ब्रज प्रदेश की पवित्र भूमि (पवित्र स्थल भक्ति यात्रा)

Written By Ritesh Gupta
जय श्री कृष्णा ….राधे-राधे…!
मित्रों ! आज मैं एक और नई श्रृंखला शुरू करने जा रहा हूँ, जिसका नाम हैं → पवित्र स्थल भक्ति यात्रा । इस श्रृंखला में मैं आपको समय-समय पर मेरे द्वारा किये गए पवित्र स्थलो के दर्शन लाभ का वर्णन लेखो के माध्यम से कराउंगा । आज के इस श्रृंखला के प्रथम लेख में मैं आपको ले चलता हूँ ……..भगवान श्री कृष्णजी की लीलास्थली ब्रज प्रदेश के पावन भूमि पर बसे परम पूजनीय पवित्र स्थल श्री गोवर्धन की यात्रा पर । इस यात्रा में मेरे साथ मेरे पिताजी, माताजी, मेरी धर्मपत्नी, और मेरे हर सफ़र के साथी मेरे दोनो बच्चे अंशिता और अक्षत शामिल थे ।

यह सप्ताहांत शनिवार का दिन था, अपने दिनभर काम-काज से घर लौटा तो घर के लोगो से सूचना मिली की कल रविवार को गोवर्धन दर्शन करने जाना हैं । मैंने कहा कि ,”अभी स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं, कल की कल देखेंगे ” यह कहकर रात का खाना हम लोग सो गए । अगले दिन सुबह (26-अगस्त-2012, दिन रविवार) मेरी आँख जल्दी खुल गयी पर सभी घर के लोग अभी सोये पड़े थे । रात की बात याद आई तो मेरा मन भगवान श्री गिरिराज जी के दर्शन को आतुर हो उठा, फटाफट से सबको उठाया, चलने के लिए तैयार होने को कहा । इससे पहले मैं गोवर्धन नौ-दस साल पहले सात-आठ बार हो आया हूँ, और हर बार वहाँ की इक्कीस किलोमीटर की परिक्रमा भी लगा चुका हूँ और आज भगवान के अचानक बुलावे पर मेरा मन गोवर्धन जाने को आतुर हो उठा । वो कहा जाता हैं न जब तक भगवान न बुलाये तब तक उनके दर्शन नहीं होते तो आज हमारा भगवान के दरबार से बुलावा आया था । इस समय हिंदी कलेंडर के अनुसार पुरषोत्तम मास का (लौंद का महीना) माह चल रहा हैं और इस माह में गोवर्धन में भगवान श्री गिरिराज के दर्शन और गोवर्धन की परिक्रमा का विशेष महत्व माना जाता हैं । यह कहा जाता हैं कि इस माह में गोवर्धन की यात्रा करने से भक्तो को विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती हैं ।

गोवर्धन पर्वत धारण किये हुए भगवान श्री कृष्ण
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