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Saturday, February 14, 2015

न्यू-जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी से गंगटोक का सफ़र (New Jalpaiguri, Siliguri to Gangtok, Sikkim)

Written by → Ritesh Gupta 
यात्रा दिनांक 23जून2014
पिछले लेख में आपने पढ़ा । अपने इस सफ़र की शुरूआत और भारतीय रेल के माध्यम से कुछ कठिनाइयो का सामना करते हुए आगरा शहर से सिलीगुड़ी के स्टेशन न्यू-जलपाईगुड़ी की यात्रा के बारे।  इस श्रंखला को अग्रसर करते हुए आपके समक्ष प्रस्तुत करते है, इस श्रंखला दूसरा लेख न्यू-जलपाईगुड़ी (सिलीगुड़ी) से सिक्किम राज्य की राजधानी गंगटोक शहर की यात्रा के बारे में है ।

रात के दो बजे नई-जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर कोई अधिक चहलपहल नहीं थी, चारो तरफ शांत वातावरण । ऐसा लग रहा था की कुछ दो-तीन घंटे पहले यहाँ पर तेज बारिश हुई होगी,  इस कारण से यहाँ का मौसम ठंडा और स्टेशन बिल्कुल साफ-सुधरा था । देर रात का समय होने के कारण लोग-बाग जहाँ की तहां स्टेशन पर अपनी ट्रेन आने की प्रतीक्षा में आराम कर रहे थे। ट्रेन से उतरने के बाद अपना सारा सामान समेट कर हम लोग सीधे स्टेशन से बाहर की तरफ जाने वाले अपरगामी सेतु (Over Bridge) पर पहुँच गये, यहाँ का अपरगामी सेतु भी साफ सुधरा और काफी चौड़ा था । अपरगामी सेतु  पर एक तरफ चादर बिछाकर और सामान एक तरफ लगा दिया । कुछ देर यही पर आराम किया और एक-एक करके नीचे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जाकर तरोताजा हुए ।

Gangtok (Sikkim) City near Lal Bazar (NH31A) (सुबह के समय गंगटोक शहर, लाल बाजार, डेन्जोंन सिनेमा के पास )

Saturday, July 12, 2014

आगरा से भीमताल वाया बरेली (Agra to Bhimtal Via Bareilly → Road Review )

Written by → Ritesh Gupta 
नैनीताल का सफ़र मैं पहले भी कर चुका हूँ और इसके बारे सम्पूर्ण यात्रा वृतांत "सफ़र कुमाऊँ का" नाम की श्रृंखला के माध्यम से इसी ब्लॉग पर लिख चुका हूँ । विगत दिनों सौभाग्य से मुझे, फिर से अपने ऑफिस के मित्रों के नैनीताल क्षेत्र की यात्रा मौका मिला । इस पोस्ट के यात्रा वृतांत के माध्यम से आप भी चलिए मेरे साथ इस यात्रा पर, पर संभल कर कही खो न जाना इस सफ़र पर ।
Amazing Bhimtal Lake with its Island (खूबसूरत भीमताल अपने एक छोटे से टापू के साथ )

Thursday, April 5, 2012

Agra to Manali Via Noida/Delhi by Car (एक सुहाना सफ़र मनाली का....1)

Written By Ritesh Gupta

सभी घुमक्कड़ साथियों को मेरा नमस्कार ! आज मैं अपनी पिछ्ली श्रृंखला माँअम्बाजी, माउन्टआबू और उदयपुर के बाद एक और नए यात्रा लेख की नई कड़ी शुरू करने जा रहा हूँ । यह नई श्रृंखला हैं → भारत के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश के  मनाली, रोहतांग और मणिकरण के सफ़र की । यह यात्रा अपने परिवार सहित जून, 2010 में आगरा से दिल्ली तक बस से तथा दिल्ली से मनाली, रोहतांग और मणिकरण होते हुए और वापिस दिल्ली तक कार के माध्यम से की थी । अब हम चलते हैं,अपने मनाली की यात्रा वृतांत की ओर ।

गर्मी का मौसम था और जून का महीना चल रहा था, इस समय मैदानी इलाके में गर्मीया अपने पूरे चरम होती हैं । उस समय आगरा शहर का तापमान लगभग 40 से 44 के बीच झूल रहा था । दिन में तेज धूप की वजह सड़कों पर लगभग सन्नाटा ही पसरा रहता था और आकाश में किसी भी प्रकार बादलों का कोई भी आवागमन भी नहीं हो रहा था । इधर हमारी रोज की वही एक सी व्यस्त दिनचर्या से मन उब रहा था और ह्रदय में एक अजीब कुलबुलाहट उठ रही थी, कि सारे काम काज छोड़कर किसी ठन्डे जगह (पर्वतीय स्थल) में कुछ दिनों के लिए घूमने चला जाऊ । मन में ये बात आते ही, मैंने किसी पर्वतीय स्थल पर चलने का मन बनाया और नोयडा में रहने वाले अपने छोटे भाई को फोन किया और उसे अपने साथ चलने के लिए कहा, तो मेरी यह बात सुनकर  वह तुरंत चलने को तैयार हो गया । अब समस्या उठी कि “ कौन सी जगह जाया जाये ?”  क्योकि अधिकतर उत्तर भारत की मुख्य पहाड़ी स्थल (Hill Station) हमारे घूमे हुए थे,  अकेले  “कुल्लू - मनाली ” को छोड़कर । हम लोगो कि सहमति “कुल्लू - मनाली” चलने के लिए हो गयी । चूँकि  इस सफ़र की शुरुआत नोयडा से होनी थी तो इसके लिए मुझे सबसे पहले अपने परिवार सहित नोयडा पहुचना था, उससे से आगे की  यात्रा दिल्ली या नोयडा से शुरू करनी थी । हमारे जाने का स्थान पक्का हो जाने के बाद अब हमारे सामने एक सवाल था कि यहाँ से मनाली कैसे या किस प्रकार जाया जाये ? उसके लिए भी हमारे सामने जाने के कुछ निम्न तरीके/उपाय थे  ।

Tajmahal (click on for large pic)
Wah Taj ! अब हमने अपनी यात्रा आगरा से शुरू की हैं, तो भारत की शान आगरा के "ताजमहल " का एक फोटो तो होना चाहिये |

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