Written By Ritesh Gupta
"ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं।
उर्वारुकमिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।"
कुमाऊँ श्रृंखला के पिछले लेख सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....10) में मैंने प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल कौसानी और बैजनाथ मंदिर यात्रा का वर्णन किया था । इस कुमाऊँ श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए चलते हैं, कुमाऊँ का एक ऐसा स्थान पर जहाँ पर भगवान शिव अपने तैतीस करोड़ देवी-देवताओं के साथ पहाड़ के गर्भ में पाताल के अंदर एक गहरी गुफा में विराजमान हैं, उस जगह का नाम हैं "पाताल भुवनेश्वर" । आईये अब चलते हैं, पाताल भुवनेश्वर की अचंभित कर देने वाली पवित्र और रहस्मयी गुफा की यात्रा पर ।
समय लगभग दिन के सवा ग्यारह बजे का होगा । बागेश्वर के सर्विस सेंटर में टैक्सी कार को सही कराने के बाद हम लोग गाड़ी की खराब होने वाली समस्या से चिंता मुक्त होने के बाद अपने आगे की यात्रा पर चल दिए । यहाँ से हम लोगो का अगला कदम पाताल भुवनेश्वर जाकर पाताल में स्थित पवित्र गुफा के दर्शन करने का था । बागेश्वर के चौराहे पर आने के बाद थोड़ा आगे जाकर सरयू नदी पर बने पुल को पार करने बाद इसी रास्ते पर चलते रहे । यह सड़क मार्ग काफी अच्छा, सपाट, गड्डे रहित और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर था । रास्ते के दोनो तरफ पाइन के जंगल और उनके बीच से जाता घुमावदार रास्ता और मौसम के ठंडक मन को बड़ा ही सुकुन पंहुचा रही थी ।