Written By Ritesh Gupta
राधे राधे !
राधे राधे !
ये दिव्य शब्द वृन्दावन की गलियों में हर तरफ गूंजता सुनाई देगा, क्योकि ये नगरी भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भक्ति से ओतप्रोत भक्तो की नगरी जो है । यहाँ के निवासी/अनिवासी अभिवादन स्वरूप आपस मे एक दूसरे से यही "राधे राधे" शब्दो का उपयोग करते है । एक कहावत है - जहाँ के कण कण में बसे हो श्याम वो श्री वृन्दावन धाम । यहाँ की मृदा, वायु और जल मे सब जगह भगवान श्रीकृष्ण का वास माना जाता है, इस तीर्थ क्षेत्र की यात्रा करने वाला भक्त अपने आपको बहुत सौभाग्यशाली मानता है और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में सारोबार हो जाता है । इस क्षेत्र को बृज क्षेत्र या बृज भूमि कहते है जिसमे मथुरा, वृन्दावन, गोकुल, गोवर्धन, आगरा , धोलपुर, जलेसर, भरतपुर, हाथरस, अलीगढ, इटावा, मैनपुरी, एटा, कासगंज और फ़िरोज़ाबाद आदि जिले आते है । चलिये चलते है इस पोस्ट के माध्यम से उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध वृंदावन धाम की पावन यात्रा पर -
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रंगीन प्रकाश से अद्भुत छवि प्रस्तुत करता है "प्रेम मंदिर", वृन्दावन (Colorful by Light beautiful Prem Mandir, Vridavan) |