Written By Ritesh Gupta
श्रीनगर - इस श्रंखला को प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ पर
क्लिक कीजिये । कहते है यदि कही स्वर्ग है तो कश्मीर जैसा होगा और शायद वैसी ही अनुभूति यहाँ पर आकर होती भी है । श्रीनगर भारत देश के पहाड़ी राज्य जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी, जो सही मायनो में इस राज्य के खूबसूरत नगरो में से एक है और इस नगर को बागो का शहर भी कहते है, क्योकि यहाँ पर डल झील के किनारे बहुत सारे बागो का निर्माण मुगल काल में हुआ था । इस नगर का ह्रदय स्थल है डल झील , उसमे बने लकड़ी के हाउसबोट और उसके आसपास का खूबसूरत इलाका । चलिए चलते श्रीनगर की सैर पर इस लेख के माध्यम से - पहलगाम से श्रीनगर का यादगार सफर , कश्मीर ।
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श्रीनगर की खूबसूरत झील - डल लेक ला शानदार नजारा ( Magnificent View of Dal Lake , Srinagar) |
यात्रा चौथा दिन (26 जून )
कश्मीर यात्रा का ये हमारा चौथा दिन था और हम लोग पहलगाम के एक होटल में ही थे । आज हमे श्रीनगर के लिए निकलना था क्योकि कल झेलम नदी में आई बाढ़ के कारण यहाँ के स्थानीय लोगो ने निकलने से मना कर दिया था । सुबह जल्दी सभी लोग दैनिक क्रियाकलापों से निपटने के बादश्रीनगर चलने के लिए तैयार हो गये । होटल वाले का कमरे और खाने के बिल का भुगतान करके सुबह के पौने सात बजे के आसपास हम लोग अपनी किराए की गाड़ी टैम्पो ट्रेवलर से श्रीनगर के लिए प्रस्थान कर गये ।
पहलगाम से श्रीनगर की कुल दूरी अनंतनाग होते हुए लगभग 96 कीमी० है, लगभग दो या ढाई घंटे का रास्ता है । हम लोग पहलगाम की वादियों से अलविदा लेते हुए लिद्दर नदी के किनारे शानदार सडक मार्ग (SH-501) होते हुए अपने मंजिल की तरफ निकल होते हुए सवा घंटे में अनंतनाग पहुँच गये, सुबह के समय शहर लगभग सोया पड़ा हुआ था सड़क पर हलचल कम ही थी । पहलगाम से अनंतनाग की दूरी लगभग 54 किमि० है और ये कश्मीर का एक बड़ा जिला है । अनंतनाग (Anantnag) शहर के एक बड़े चौराहे से दाए मुड़ने के बाद राष्ट्रिय राजमार्ग 1A पर आकर अपनी मंजिल की तरफ चल दिए और कुछ किलोमीटर आगे जाकर सुबह की वेला में एक चायवाले की दुकान को खुला देखकर गाड़ी रुकवा ली । चाय बनवाई गयी और सामने की दुकान से ब्रेड भी खरीद कर ले आये, कुछ सूखा नाश्ता हमारे और भालसे जी के पास पहले से ही था, सो उन्ही से सुबह की नाश्ता किया गया और चाय पीकर फिर से अपनी राह पर चल दिए । यहाँ से आगे जाकर एक गाड़ी में डीजल भरवाने के लिए खनबल (Khanbal) नाम की जगह पर पेट्रोल पम्प पर फिर से गाड़ी रोक दी गयी, यहाँ से दूर बर्फ से ढके पहाड़ी श्रंखला खूबसूरत नजारा नजर आ रहा था, कुछ फोटो यहाँ से लिए और डीजल भरवाने के बाद फिर से चल दिए । यहाँ से कुछ किमि० आगे जाने के बाद हाइवे की चौडीकरण का कार्य चलने के कारण कई जगह रास्ते ख़राब और कच्चे मिले जिससे हम लोगो की रफ़्तार थम गयी । एक जगह (पठान मौहल्ला) पर भारी जाम लगा मिल गया कोई भी गाड़ी काफी देर तक आगे नही बढ़ रही थी, हाइवे पर ट्रक और बड़ी गाड़िया जहाँ की तहां खड़ी हुई थी, जानकारी की तो पता चला की झेलम नदी का पानी काफी मात्रा में सड़क पर जमा हुआ है , जब वो उतरेगा तभी रास्ता खुलेगा । ओह ! ये बड़ी परेशानी हो गयी अब क्या किया जाये ? गूगल मैप पर वैकल्पिक मार्ग खोजा जाने लगा । एक एक रास्ता मिल भी गया जो एक गाँव से होकर वापिस आगे जाकर इसी हाइवे पर मिल जाता है, जैसे तैसे साइड से होते हुए इस रास्ते पर पहुंचे तो जायदातर छोटी गाड़ियाँ इसी रास्ते पर जा रही थी । हम लोग भी रेंगते हुए जाम के बीच इसी रास्ते से चल दिए , काफी देर तक जाम में कच्चे रास्ते पर फंसे भी रहे, इसी जाम के बीच हमारी गाड़ी में समय बिताने के लिए आपस में अन्ताक्षरी खेल भी शुरू हो गया दो टीमे भी बन गयी, सभी लोग अपनी अपनी बारी से गाना गाते हुए और हंसी मजाक के साथ समय का भरपूर फायदा उठाया । आख़िरकार काफी देर तक जाम झेलते और रेंगते हुए इस गाँव के रास्ते को पार कर वापिस घूमकर उसी हाइवे पर आ गये ।
यहाँ से आगे श्रीनगर के रास्ते बीच में एक "अवन्तिपोरा" (Awantipora) नाम की जगह भी आई जो कि श्रीनगर से लगभग 30 किमि० दूर है, ये अनंतनाग और श्रीनगर राजमार्ग पर बसा एक छोटा सा क़स्बा है । यहाँ पर एक एतिहासिक मंदिर के अवशेष है, जिसे उस समय के ब्रह्मिन राजा ललितादित्य ने बनवाये थे, सडक मार्ग से ही इस मंदिर के अवशेष नजर आ जाते है । यहाँ से आगे चलने पर श्रीनगर शहर की तरफ बढ़ते लाल चौक से 11 किमि० पहले एक और मशहूर जगह आती है इस जगह का नाम "पम्पौर" (Pampore) है । मशहूर इसलिए क्योकि यहाँ पर केशर का उत्पादन (खेती) बहुतायत रूप से होता है ,इसलिए इस जगह "कश्मीर की केशर नगरी" के नाम से भी जानते है । यहाँ से गुजरते हुए हाइवे के किनारे अधिकतर केशर की दुकाने ही नजर आती है ।
कुछ देर बाद हम लोग श्रीनगर शहर में प्रवेश कर गये, शहर में भी झेलम नदी का पानी सडक पर आ जाने के कारण जाम लगा हुआ था , गाड़िया धीमे - धीमे गुजर रही थी । चूँकि हम लोगो ने श्रीनगर में कोई भी होटल या हाउसबोट पहले से ही बुक नही किया था सो जो हम पर हाउसबोट वालो के नंबर थे उन्ही सम्पर्क किया तो हाउसबोट में कमरे खाली नहीं थे । सभी लोगो का मन हाउसबोट में ही ठहरने का ही था सो गाड़ी के ड्राइवर से बात भी की तो उसने किसी से सम्पर्क भी किया, उसने हाउसबोट में कमरे दिलाने की बोला भी पर हम लोगो को भूंख भी लगी हुई थी और दोपहर का एक बज रहा था सो सबसे पहले खाने खाने के लिए कही रुकना था । गाड़ी वाले ने लाल चौक के बाद डल झील से कुछ पहले एक जगह रेस्तरा देखकर गाड़ी को साइड में लगा लिया । एक शाकाहारी रेस्तरा देखकर दोपहर के खाने का लुत्फ़ उठाया गया और पेट भर के कारण अब मन और तन को तसल्ली भी हो गयी थी । हम घूमने वालो को ओर क्या चाहिए सफर के दौरान स्वादिष्ट भोजन मिल जाये और खूबसूरत नज़ारे, जिनकी पूर्ति कश्मीर में आसानी से हो जाती है ।
खाना कहने तक दोपहर के ढाई बन चुके थे और अब अगला कदम हाउसबोट में कमरा ढूढने का था सो गाड़ी वाले ने जिस व्यक्ति से सम्पर्क किया था उसकी बताई जगह पर डल झील के पीछे वाले रास्ते पर पहुँच गये, पर ये क्या ? तो तो हमे सड़क के पीछे के हाउसबोट दिखाने ले जाने लगा तो हमने कहाँ की सड़क के अग्रीम लाइन में कोई हाउसबोट में कोई कमरा हो तो दिखाओ नही तो हम चले , पर वो असमर्थ रहा । खैर हम लोग वहां से चलकर डल झील के मुख्य सड़क मार्ग पर आ गये, गाड़ी वाले ने डल झील के गेट नंबर एक के पास गाड़ी रोक दी । मैं, मुकेश भालसे जी और मेरा छोटा भाई राजीव हाउसबोट की खोज में चल दिए । गेट न. 1 पर एक व्यक्ति से बात हुई तो वो कमरा दिलाने के उसमे हम लोगो के शिकारा में बैठा लिया । झील में एक लाइन से लगे एक से एक शानदार महंगे और बजट हाउसबोट थे, मतलब कुछ बहुत ही महंगे तो कुछ बजट में भी थे । झील में चलते हुए हम लोगो ने कई हाउसबोट देखे कुछ खाली नहीं थे और जो खाली थे उनसे कमरे के किराए अधिक होने के कारण बात न बनी । खैर गेट न. 4 के सामने दो हाउसबोट में दो-दो कमरे खाली मिल गये, बड़ी मुश्किल मोलभाव करके दोनों हाउसबोट में चार कमरे दो दिन के लिए कुल बारह हजार रूपये (1500 रूपये प्रतिदिन एक कमरा) आरक्षित कर दिए । जिस व्यक्ति ने अपने शिकारा में घूमा- घूमाकर हमे हाउसबोट में कमरे दिलाने में मदद की थी उसको दौ रूपये देकर विदा किया ।
स्वच्छ पानी की डल झील श्रीनगर ही नही अपितु कश्मीर की शान और पहचान है, यहाँ पर झील में एक पूरा स्थानीय जन-जीवन व्यतीत होता है । दैनिक दिनचर्या के काम से लेकर जीविका के लिए छोटे-छोटे उद्योग भी झील में ही किये जाते है है । झील में सब्जियों और फूलो की खेती होती है तो एक बड़ा बाजार भी झील में लगता है । इस बाजार में सभी तरह की छोटी-बड़ी हेंडलूम, कपड़े, शाल ,गर्म कपड़े तो कुछ खाने पीने की दुकाने भी है । झील के उथले पानी में (गहराई करीब पांच फीट) एक बड़ी लम्बी नाव पर बने आलिशान हाउसबोट बड़े ही शानदार होते है, यूँ कह लो की एक छोटा सा होटल या घर ही बना हो पानी पर । बनावट कुछ यूँ होती है की सबसे बाहरी हिस्से में बैठने का स्थान, जहाँ पर बैठकर झील और आसपास के नज़ारे को निहारते रहो, इसके बाद एक शानदार बैठक जिसमे आरामदायक सोफा और दीवान पड़ा हुआ था और कमरे की साज-सज्जा बेहद ही खूबसूरत कश्मीरी शैली में होती है, उसके बाद भोजन कक्ष जिसमे एक डाइनिंग टेबल पड़ी हुई थी, उसके बाद एक छोटी सी रसोई । इसके बाद एक गलियारा और दो या तीन आरामदायक, साज-सज्जा युक्त कमरे बाथरूम के साथ होते है । हाउसबोट में अधिकतर काम नक्काशीदार लकड़ी का ही होता है, दीवारे छत, जमीन और यहाँ तक की बाथरूम भी लकड़ी से निर्मित होता है । हाउसबोट के मालिक और उनका परिवार हाउसबोट के पीछे जमीन पर बने एक छोटे से घर में रहते है, यही पर अतिथियों का खाना भी बनता है । हाउसबोट इन लोगो की जीविका के साधन होते है । यदि श्रीनगर आओ तो हाउसबोट में ठहरकर एक रात बिताना ये भी अपने आप में एक अविस्मर्णीय अनुभव होता है । वैसे कश्मीर आने वाले अधिकतर सैलानी अदभुत अनुभव लेने के लिए हाउसबोट में जरुर रुकते है ।
खैर हाउसबोट आरक्षित करने के बाद हाउसबोट के शिकारे से ही अपने लोगो को और सामान लाने के लिए वापिस सड़क पर आ गये । गाड़ी से सारा सामान निकाल कर शिकारे से सभी लोगो हाउसबोट पर पहुंचा दिया और कह दिया की जल्दी से तैयार हो जाइए, अभी घूमने जाना है । गाड़ी वाले ने हमसे कहा की मैं गाड़ी को आगे सामने सड़क पर ही लगा देता हूँ, आप लो एक घंटे में जल्दी से तैयार होकर आ जाइये, फिर श्रीनगर की कुछ जगह को घुमाने ले चलूँगा । जब आप लोग तैयार हो जाओ तो फोन कर देना, मैं डल गेट न. चार पर दस मिनिट में गाड़ी लेकर आ जाऊँगा । हमने कहा ठीक है , जल्द से जल्द तैयार होने की कोशिश रहेगी, सबसे पहले हम लोग शंकराचार्य मंदिर पर चलेंगे । इतना कहकर हम लोग भी हाउसबोट पर आकर तैयार होने लगे । मैं तो खैर जल्दी से तैयार हो गया तो हाउसबोट से ही बच्चो के साथ झील का आनंद लेने लगा, यहाँ के नज़ारे बड़े ही सुहाने लगा, हर तरफ प्राकृतिक सुन्दरता बिखरी हुई थी । पहलगाम के अपेक्षा यहाँ का मौसम बहुत गर्म था, सीधे से कह लो गर्मी ही थी । हमारे दोनों हाउसबोट के बीच में खाली जगह पर झील के पानी में पीले कमल/कुमोदनी का फूल खिला हुआ था, हमारे बच्चो में ने इस फूल को पहली बार ही देखा था सो उसे देखकर उत्साहित भी हो रहे थे । खैर दोपहर के पौने पांच बज चुके थे और सब लोग चलने के लिए तैयार हो गये, हाउसबोट पर कार्य करने वाले कर्मचारी से कहा की हम लोगो को सडक पर छोड़ दे और गाड़ी के ड्राइवर को भी आने के लिए फोन करवा दिया । धीरे धीरे करके हम लोग झील किनारे की सड़क पर आ गये और गाड़ी की प्रतीक्षा करने लगे ।
इस यात्रा लेख सम्बन्धित चित्रों का संकलन आप लोगो के प्रस्तुत है →
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पहलगाम के होटल से एक खूबसूरत नजारा (A View from Pahalgam Hotel) |
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कश्मीर के अनंतनाग से गुजरते हुए (On the way to Srinagar from Anantnag ) |
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खनबल के आसपास बर्फ से ढके पहाड़ो का नजारा (View From Khanbal , Kahsmit) |
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खनबल के आसपास बर्फ से ढके पहाड़ो का नजारा (View From Khanbal , Kahsmit) |
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खनबल के आसपास बर्फ से ढके पहाड़ो का नजारा (View From Khanbal , Kahsmit) |
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पानी से लबालब झेलम नदी (Jhelam River at the time of entering in Srinagar ) |
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डल झील के पिछले हिस्से में शिकारा का जमाव बाड़ा (Shikara at Dal Lake, Srinagar) |
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डल झील में एक हाउसबोट (A Houseboat at Dal Lake, Srinagar) |
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हाउसबोट का बेडरूम (A Bedroom at Houseboat) |
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हाउसबोट की बैठक (A Drawing Room at HouseBoat ) |
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खूबसूरत डल झील , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
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खूबसूरत डल झील , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar)Add caption |
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एक नजारा सड़क से डल झील का , श्रीनगर , हमारे अस्थाई निवास (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
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एक नजारा खूबसूरत डल झील का , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
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एक नजारा खूबसूरत डल झील का , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
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डल झील के सामने एक छोटी पहाड़ी पर मोबाईल टावर और पार्श्व में चाँद |
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डल झील के पीछे का पहाड़ (Mountain behind Dal Lake, Srinagar) |
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एक हाउसबोट जिसमे हम लोग ठहरे थे (A Houseboat, We stayed here) |
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झील में कमल पत्तियाँ (Lotus Leaf at Houseboat Side |
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दो हाउसबोट के बीच झील में कमल का सुंदर फूल (Lotus Flower at Houseboat Side) |
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झील में तैरते शिकारे , जो यहाँ की जिन्दगी का हिस्सा है |
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एक नजारा सड़क से डल झील का , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
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डल झील के गेट न. 4 के पास सड़क का नजारा (A Road View at Gate No. 4, Dal Lake) |
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डल झील के गेट न. 4 के पास सड़क का नजारा (A Road View at Gate No. 4, Dal Lake) |
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एक नजारा सड़क से डल झील का , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
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एक नजारा सड़क से डल झील का , श्रीनगर (Beautiful Dal Lake, Srinagar) |
ये था हमारी कश्मीर यात्रा के चौथे दिन के प्रथम पहर का पहलगाम से श्रीनगर तक के यात्रा का लेखा जोखा, अब इस लेख को यही समाप्त करते है मिलते कश्मीर यात्रा के एक नये लेख साथ और सैर करेंगे श्रीनगर की । आशा करता हूँ आप लोगो यह लेख पसंद आया होगा, यदि अच्छा लगे तो टिप्पणी के माध्यम से विवेचना जरुर करे। जल्द ही मिलते है, इस श्रृंखला के अगले लेख के साथ, तब तक के लिए आपका सभी का धन्यवाद !
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कश्मीर यात्रा श्रृंखला के लेखो की सूची :
4.
कुछ सुनहरे पल पहलगाम से, कश्मीर (Local Travel to Pahalgam - Kashmir..4)
5. पहलगाम से श्रीनगर, कश्मीर का यादगार सफर (Pahalgam to Srinagar - Kashmir..5)
6. हिमालय की गोद में बसे श्रीनगर, कश्मीर की सैर(Local Sight Seen to Srinagar, Kashmir.6)
7. गुलमर्ग - विश्वप्रसिद्ध पर्वतीय स्थल की सैर (Travel to Gulmarg, Kashmir...7)
8. श्रीनगर की सैर - कश्मीर (Local Tour to Srinagar, Kashmir... 8)
9. सोनमर्ग - जोजिला दर्रा से जीरो पॉइंट का सफर (Travel to Sonamarg, Zojila Pass, Kashmir....9)
10.कश्मीर का अद्भुत मंदिर माँ खीर भवानी (Kheer Bhawani Temple Kashmir..10)
11. कश्मीर का सुहाना सफर - अंतिम भाग ( Return from Kashmir via Road.. 11)
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बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद अनिल भाई जी ।
DeleteBahut badhiya vivaran aur chitra.
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी । 🙏🙏
Deleteवाह , बढ़िया यात्रा ! बेहतरीन वर्णन के साथ सुन्दर चित्र
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद पांडेय जी । 🙏
Deleteaapki yatra varnan padhkar ek-ek drishya yaad aa gaya Kashmir ka... Wakai bahut hi khoobsoorat hai Kashmir, Pahalgam, Gulmarg, Jammu se Kashmir jata raasta...
ReplyDeleteवाकई में कश्मीर बहुत खूबसूरत है पूजा जी ।
Deleteजहाँ से भी गुजरो वो पल याद रह जाते है,क्योकि ये कश्मीर है ये कश्मीर है ।
Nice post ritesh bhai and all photos are fabulous...
ReplyDeleteधन्यवाद त्यागी जी...टिप्पणी के लिए
Deleteपहलगाम से श्रीनगर, कश्मीर का यादगार सफर पोस्ट सुंदर तस्वीरों से सजी है।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार राकेश जी ...
Deleteसच में कश्मीर की जितनी तारीफ की जाए वह कम है बहुत मजा आता है कश्मीर घूमने में
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए धन्यवाद त्यागी जी...
Deleteसुन्दर वर्णन एवं सुन्दर चित्रण .
ReplyDeleteधन्यवाद नरेश भाई ...
Deleteबढ़िया विवरण रितेश भाई, फ़ोटो तो कमाल के हैं।
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी
Deleteकिसी ने ठीक ही कहा है" कितनी खूबसूरत से तस्वीर है,मौसम बेमिसाल बेनजीर है,ये कश्मीर है।" सच में कश्मीर की सुंदरता की हम क्या तारीफ कर सकेंगे, ये तो अतुलनीय है। इन्ही शब्दों को सार्थक करती हुयी ब्लॉग पोस्ट और तस्वीरें
ReplyDeleteधन्यवाद हर्षिता जी ....
Deleteकश्मीर की तश्वीर खूबसूरत कहानी कहती है.... आप भी जरुर जाइए एक बार कश्मीर
Thanks ji
ReplyDeleteरितेश जी, बहुत सुंदर पोस्ट एवं मनमोहक तस्वीरें। कश्मीर वाकई में अद्भुत है, किंतु आज के हालात में क्या वहां सैलानियों का जाना सुरक्षित है
ReplyDeleteनमस्कार स्वाती जी .....
Deleteधन्यवाद टिप्पणी के लिए ....
अधिकतर बुरे हालात तो न्यूज पेपर में नजर आते है, वैसे मेरे हिसाब से ऐसा कुछ बुरे हालत नहीं है....जा सकते है ...
धन्यवाद
Riteshji,
ReplyDeleteAap himmat wale log hai. Hame to shaayad jaane mein dar lage.
Santosh singh, Jaipur
ऐसी हिम्मत वाली कोई बात ही नही । सभी लोकल लगभग सही है
Deleteअक्सर जब कई दिनों की व्यस्त ज़िन्दगी में ब्लॉग से दूर हो जाता हूँ तो लगता है बहुत कुछ मिस ही गया पर गुमाकड़ो के ब्लॉग पढ़ते ही खूबसूरत तस्वीर और यात्रा विवरण से मुस्कान आ जाती है चेहरे पर तस्वीरें तो कमाल की है रितेश जी जवाब नहीं आपका :)))
ReplyDeleteसंजय जी आते रहा कीजिये ब्लॉग पर...अच्छा लगता है...|
Deleteटिप्पणी के लिए आपका बहुत बहुत आभार .. जी