Search This Blog

Showing posts with label Himalaya. Show all posts
Showing posts with label Himalaya. Show all posts

Saturday, July 30, 2016

पहलगाम - प्रकृति का अनुपम उपहार ( Natural Beauty - Pahalgam - Kashmir..3 )

Written By Ritesh Gupta

इस श्रंखला को प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक कीजिये । कहते है यदि असली कश्मीर के नज़ारे देखने तो पहलगाम आइये । विश्व प्रसिद्ध पहलगाम भारत की मुख्य पवित्र अमरनाथ यात्रा का मुख्य आधार केंद्र होने के साथ-साथ कश्मीर घाटी की सबसे खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों में एक है । यहाँ पर तेज बहती पहाड़ी नदी, बर्फ से ढके पहाड़, शुद्ध और प्रदुषण मुक्त आवोहवा, शानदार नदी घाटी, सुन्दर बगीचे, घने जंगल, रोमांचक ट्रेकिंग मार्ग आदि सब कुछ है जिसकी आवश्यकता एक सच्चे प्रकृति प्रेमी होती है । यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य अनुपम तो है ही, साथ ही साथ किसी को भी पल में मन्त्र-मुग्ध करने वाला भी है । आज का मेरा लेख इसी खूबसूरत स्थल "पहलगाम" के इर्द गिर्द पर आधारित है । चलिए चलते है, इस नगर की सैर पर मेरी जुबानी इस यात्रा वृतांत के माध्यम से -  

बेताब वैली और लिद्दर नदी से बना खूबसूरत नजारा, पहलगाम, कश्मीर   (Betab Valley, Pahalgam, Kashmir)

Tuesday, January 22, 2013

कौसानी (Kausani) → प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्वतीय नगर (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का.....9)

Written By→ Ritesh Gupta
अपने पिछले लेख (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..8) में मैंने प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल रानीखेत और वहाँ के विभिन्न स्थानों का उल्लेख किया था । इस कुमाऊँ श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए अब रानीखेत से निकलकर चलते हैं, उत्तराखंड प्रदेश के अंतर्गत कुमाऊँ का स्वर्ग कहा जाने वाला छोटा पर प्रसिद्ध पर्वतीय नगर “ कौसानी " की यात्रा पर ।

लगभग समय 3:00 बजे के आसपास हम लोग रानीखेत के गोल्फ कोर्स वापिस चल दिए । कुछ किलोमीटर बाद रानीखेत शहर से काफी पहले कार चालाक ने कार को एक दाए तरफ के रास्ते “रानीखेत-द्वारहाट-कौसानी” मार्ग पर ले लिया । इस मोड़ से सोमेश्वर 43किमी० और कौसानी 55किमी० की दूरी पर था । कुछ देर चलने के बाद पहाड़ की चढ़ाई पर चढ़ते समय हमारी टैक्सी कार (मारुती अल्टो) में कुछ खराबी आ गयी । ढलान पर बिल्कुल सही चल रही थी, पर चढ़ाई पर पूरे एक्सीलेटर दबाने के बाद भी मुश्किल से धीरे-धीरे चल रही थी और झटके ले रही थी जैसे उसका करंट आ जा रहा हो । कार चालक ने एक स्थान पर रोककर भी देखा भी पर उसके लिए नए माडल का इंजन होने के कारण उसे कुछ समझ में न आया । आखिर क्या करते, आसपास कोई कार का गैराज भी नहीं था तो मज़बूरीवश हमारा कार चालक उसी अवस्था में गाड़ी को खींचता रहा जिससे कार का एवरेज भी कम हो रहा था । रास्ते में जब भी चढ़ाई आती तभी कार की में परेशानी शुरू जाती थी, बाकी ढलान और समतल रास्ते पर कार बराबर दौड़ रही थी ।

Ranikhet-Dwarhat-Kuasani Road (रानीखेत से कौसानी की दूरी लगभग 55किमी० हैं)

Monday, July 16, 2012

मनिकरण ( Manikaran )→ पवित्र स्थल का भ्रमण (एक सुहाना सफ़र मनाली का….6)

Written By - Ritesh Gupta 
 
नमस्कार दोस्तों ! पिछले लेख में मैंने आप लोगो को व्यास और पार्वती नदी घाटी के बीच बसे “पवित्र स्थल मनिकरण” के बारे में वताया था, जिसे आप मेरे पिछले लेख “एक सुहाना सफ़र मनाली का….5″ में पढ़ सकते हैं । आइये अब चलते हैं इस श्रृंखला के अंतिम लेख “पवित्र स्थल मनिकरण के भ्रमण” पर ।

सुबह मनाली से चलने के बाद कार की साहयता से तीन बजे के आसपास हम लोग मनिकरण पहुँच ही गए । मनिकरण में धूप तेज थी पर मौसम काफी ठंडा था, पूरी घाटी में पार्वती नदी का शोर किसी मधुर संगीत की तरह गुंजायमान था । यहाँ पहुँचने के बाद के सबसे पहले एक खाली स्थान देखकर कार को सड़क के किनारे लगा दिया और एक होटल की तलाश करने अपने छोटे भाई अनुज के साथ निकल पड़ा । कई होटल छानमारे पर सस्ता होटल हमें कही नहीं मिला, ज्यादातर सभी होटल के कमरे का किराया रु०1500/- प्रतिदिन से अधिक ही बताया जा रहा था और ऊपर से यह कह रहे थे जल्दी से यही कमरे ले लो नहीं तो सप्ताहांत होने के कारण दिल्ली वाले आ जायेगे और आपको फिर कोई कमरा भी नहीं मिलेगा । फिर भी हमने अपनी तलाश जारी रखी करीब आधे घंटे की मेहनत रंग लाई ही गयी और पार्वती नदी के किनारे टैक्सी स्टैंड से पहले एक होटल (अब नाम याद नहीं हैं) पहुँच गए ।


Manikaran Town in the Morning (सुबह के समय मनिकरण का नजारा )

होटल लगभग पूरा खाली था, कई सारे रूम देखने के बाद हमें उस होटल का एक कमरा पसंद आ गया, कमरा काफी सुव्यवस्थित और बड़ा था । कमरे की बालकनी से बहती पार्वती नदी का सुन्दर द्रश्य नजर आ रहा था और उस कमरे लगे बाथरूम भी काफी बड़ा और साफ़ सुधरा था । उसने हमें उस कमरे के रु.1200/- बताये और उससे एक रुपया भी नीचे करने को तैयार नहीं हुआ, उसने कहाँ की,”आपको अभी यह होटल खाली नजर आ रहा हैं, पर रात तक यह पूरा भर जायेगा ।” काफी कहने पर पर वो एक अतरिक्त बिस्तर देने को राजी हो गया था । सबसे अच्छी बात इस होटल की थी कि इसकी अपनी तीन या चार कार लायक पार्किंग की भी व्यवस्था थी । हमने होटल के उस कमरे को कुछ अग्रिम राशि देकर आरक्षित कर लिया । कार को होटल की पार्किंग में लगाकर कमरे में सारा सामान पंहुचा दिया । यहाँ के होटलों की एक खास बात यह की होटलो में गर्म पानी के लिए गीजर की कोई व्यवस्था नहीं हैं । यहाँ के होटलों में गर्म पानी की आपूर्ति नदी के उस पार स्थित गर्म कुंड से होती हैं, जो चार-पांच मिनट गर्म पानी का नल खुला छोड़ने पर गर्म पानी आने लगता हैं ।

लगभग एक घंटा सफ़र की थकावट उतारने के बाद हम लोग गर्म कुंड में नहाने के इरादे पार्वती नदी के दाई तरफ के मंदिर, पुराने बाज़ार की ओर चल दिया । टैक्सी स्टैंड के अंतिम छोर से पार्वती नदी को एक पुल की साहयता से पार किया । पुल के नीचे से अपने अथाह जलराशि के साथ रोद्र रूप में बहती पार्वती नदी काफी वेगमान, भयानक और मन को अति सुन्दर लग रही थी । पुल पार करने के बाद सबसे पहले प्राचीन श्री राम मंदिर नजर आया, इस मंदिर में गर्म कुंड के पानी में नहाने की व्यवस्था भी हैं । थोड़ा आगे बढ़ने पर नैना भगवती मंदिर हैं और वही पर एक छोटे से चौराहे पर लकड़ी का पुराना सुन्दर रथ जगन्नाथजी की यात्रा हेतु रखा हुआ था । चौराहे से आगे जाने पर प्राचीन मंदिर श्री रघुनाथ जी का आया हैं, इस मंदिर के बाहर बेहद ही गर्म उबलते पानी का एक चश्मा(कुंड) सड़क के समीप ही था, जिसमे से बहुत तेजी से गर्म भाप निकल रही थी । प्रकृति का यह चमत्कार देखकर कर हम प्रभु के सामने नतमस्तक हो गए । यह कुंड इतना गर्म था कि आप किसी कपड़ो में कच्चे चावल या चने बांधकर इस कुंड में छोड़ कुछ मिनटों में उबलकर पक जाते हैं । इसी उबलते चश्मे के पीछे नहाने का पानी से भरा हुआ एक स्नानागार कुंड बनाया हुआ था, पर इस स्नानागार का पानी अत्यधिक गर्म होने के कारण आज बंद था । यहाँ पर महिलाए और पुरुषों दोनो के लिए अलग-अलग नहाने कि व्यवस्था हैं । गर्म कुंड का पानी गंधक युक्त हैं और इस पानी में नहाने से चर्म सम्बन्धी सारे रोग दूर हो जाते हैं ।

Monday, July 9, 2012

मनिकरण ( Manikaran )→ पार्वती घाटी का पवित्र स्थल (एक सुहाना सफ़र मनाली का….5)

Written By Ritesh Gupta
नमस्कार दोस्तों ! पिछले लेख में मैंने आप लोगो को मनाली के सोलांग घाटी (Solang Valley) के यात्रा के बारे में वताया था, जिसे आप मेरे पिछले लेख एक सुहाना सफ़र मनाली का….4 में पढ़ सकते हैं । आइये अब चलते हैं व्यास और पार्वती नदी घाटी के बीच बसे “पवित्र स्थल मनिकरण की यात्रा “ पर ।

View Kullu City from MDR-29 (व्यास नदी के पार नजर आता खूबसूरत कुल्लू नगर)
दिन शुक्रवार, 25 जून 2010 को हम लोग सुबह 7:00 बजे के आसपास नींद उठ गए और मनाली की इस सुबह का स्वागत हुआ मूसलाधार वारिश से । हम लोग लगभग एक घंटे में अपने नित्यक्रम से निवृत हुए, तब तक बारिश हल्की पड़ चुकी थी और कुछ बूंदाबांदी ही सी हो रही थी । तेज बारिश पड़ने से मनाली मौसम बहुत ही रूमानी हो गया था और हवा में नमी का इजाफा भी पहले के अपेक्षा अधिक हो गया था । हम लोगो ने आज वशिष्ठजी जाने और वही गर्म कुंड में नहाने की योजना बना रखी थी । कार चालक को जगाकर उसे चलने के लिए कहा तो उसने कहा की आज मनिकरण चलते हैं, वह जगह वशिष्ठजी से भी अच्छी हैं और कई गर्म पानी के कुंड भी वहाँ यदि एक-डेढ़ घंटे बाद भी हम लोग निकलेंगे तो सही समय पर मनिकरण पहुँच जायेगे । हमें उसकी बात जंच गयी । थोड़ी देर में चाय-नाश्ता करने के बाद होटल के कमरे में जाकर अपना सारा इधर-उधर बिखरा सामान समेटा और बैगो में जल्दी से पैक किया । होटल के काउंटर पर जाकर अपने दो दिन का हिसाब बनवाया और बिल भुगतान (कुल रु०1725/- का बिल बना जिसमे हमारे दो दिन का कमरे का किराया और कुछ चाय-कोफ़ी-दूध का भी हिसाब था ) करने के बाद होटल चेक आउट कर दिया । होटल के वेटरो की साहयता से सारा सामान कार की डिक्की में रखवाया, उनको टिप के रूप में कुछ रूपये दिए । चलने की पूरी तैयारी होने और सभी लोगो के कार में बैठने के बाद सुबह के लगभग 10:00 बजे के आसपास हम लोगो ने मनाली को अलविदा किया और सुहाने और भीगे मौसम का आनन्द लेते हुए, चल दिए नए स्थान पार्वती घाटी में स्थित पवित्र स्थल मनिकरण की ओर ।

Kullu City Behind Vyas River (पहाड़ों के साये में कुल्लू शहर का खूबसूरत नजारा और दिखता गुरुद्वारा )

Sunday, June 17, 2012

मनाली (Solang Valley) →सोलांग घाटी की प्राकृतिक सुंदरता (एक सुहाना सफ़र मनाली का….4)

Written by Ritesh Gupta
नमस्कार दोस्तों ! पिछले लेख में हम लोगो ने मनाली के पास रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass) की सैर की थी, जिसके बारे आपने मेरे पिछले लेख एक सुहाना सफ़र मनाली का….3 में पढ़ा ही होगा । आइये अब चलते हैं “सोलांग घाटी की यात्रा “ पर ।

समय चक्र का पहिया अपनी गति से चला जा रहा था और हम लोगो को पता ही नही चला की रोहतांग के खुशगवार माहौल में सैर करते हुए तीन घंटे कब बीत गए और रोहतांग से अब विदा लेने का समय हो गया था । हम लोगो का यहाँ से जाने का मन तो नहीं कर रहा था, पर समय के अनुसार चलने को विवश थे । चलते-चलते अंतिम बार रोहतांग की खूबसूरत वादियों का ध्यान से अवलोकन किया और लगभग दोपहर के 12:15 बजकर अपनी कार में बैठकर अपने अगले पड़ाव सोलांग घाटी के लिए चल दिए गए ।
Solang Valley , Manali (सोलंग घाटी  , मनाली )

Tuesday, May 29, 2012

रोहतांग पास ( Rohtang Pass )→ बर्फीली घाटी की रोमांचक यात्रा (एक सुहाना सफ़र मनाली का....3)

Written by Ritesh Gupta
नमस्कार दोस्तों ! पिछले दिन 23 जून को हम लोगो ने मनाली के आस पास के दर्शनीय स्थलों की सैर की थी, जिसके बारे आप मेरे पिछले लेख “एक सुहाना सफ़र मनाली का..2 ” में पढ़ा ही होगा । आइये अब चलते हैं ” रोहतांग दर्रे की रोमांचक यात्रा “ की सैर पर ।

पिछ्ली रात हम लोग तय करके सोये थे कि अगले दिन हम लोगो को सुबह जल्दी उठकर रोहतांग दर्रा और सोलांग वैली देखने जाना हैं और अपने कल के इस कार्यक्रम से हमने अपने कार चालक को भी अवगत करा दिया था । उससे इस सम्बन्ध बातचीत भी हुई और उसने बताया की रोहतांग जाने के लिए बहुत जल्दी सुबह लगभग छह बजे की आसपास निकलना पड़ेगा, जिससे वहाँ पहुंचने में देरी न हो और रास्ते के जाम-झाम से बचा जा सके । दिनांक 24 जून 2010 का ठंडी सुबह का दिन था और सुबह-सुबह ही हल्की बारिश हो चुकी थी । हम लोग पौने पांच बजे के आसपास नींद से उठ गए और फोन करके कार चालक को भी उठा दिया था । हम लोगो ने जल्दी-जल्दी सुबह के अपने नित्यक्रम निपटाए । हमारे कमरे की बाथरूम में गीजर के द्वारा गर्म पानी की सुविधा होने से हम लोग नहा-धोकर तैयार हो गए थे ।
View from Manali→Rohtang Road , Manali (जी करता हैं पंक्षी बनकर उड़ जाऊ दूर गगन में )

Saturday, May 5, 2012

मनाली→हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत पर्वतीय नगर (एक सुहाना सफ़र मनाली का....2)

Written by Ritesh Gupta
नमस्कार दोस्तों ! आज चलते हैं मनाली की दर्शनीय स्थलों की सैर पर । हम लोगो ने कार से रात भर सफ़र करते हुए दिल्ली से मनाली तक की अपनी यात्रा पूरी कर ली थी और यह वृतान्त पिछले लेख में वर्णित किया जा चुका हैं । व्यास नदी के किनारे-किनारे कुल्लू से मनाली तक रास्ता बहुत ही खूबसूरत और सुन्दर नजारों से भरा पड़ा हुआ हैं । जब हम कुल्लू से मनाली की ओर चले थे, तब रास्ते में एक जगह चाय-नाश्ते के लिए व्यास नदी के किनारे एक ढाबा कम रेस्तरा पर रुके थे, यही पर हमने चाय और आलू के गरम-गरम पराठे का नाश्ता कर अपनी भूख को शांत कर लिया था । नाश्ते के बाद अपना सफ़र जारी रखते हुए हम लोग मनाली से लगभग डेढ़ किमी० पहले के ग्रीन टैक्स  बैरिअर (Green Tax Barrier) पर पहुँच गए थे, यहाँ से मनाली शहर के अंदर प्रवेश करने के लिए हमने शायद लगभग रू०300/- ग्रीन टैक्स  के रूप में चुकाए । टैक्स का भुगतान करने के बाद (23 जून 2010) सुबह के नौ बजे के आसपास हम लोग मनाली शहर के माल रोड नाम की जगह पर पहुँच गए । दिल्ली से मनाली पहुँचने में हमें लगभग 14 घंटे का समय लगा था ।
Manalsu River in the Club House, Manali..... Kullu (बड़ा ठंडा पानी हैं इस मनाल्सू नदी का, मनाली)
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Popular Posts