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Friday, August 12, 2016

108 शिव मंदिर समूह, वर्धमान (108 Shiva Temple at Nawab hat, Bardhaman, West Bengal)

Guest Post Written by Kishan Bahety   

सावन मास भगवान शिव का मास होता है और समस्त भारत में इस समय धार्मिक पूजा पाठ और मेलो का आयोजन किया जाता है । भक्त लोग दूर-दूर से  कावड़ लाकर अपने स्थानीय शिवालयो में भगवान शिव का उस जल से श्रद्धाभाव से अभिषेक करते है ।चलिए आज आपको ले चलता हूँ अपने साथ वर्धमान जिले में स्थित 108 शिव मंदिर समूह की यात्रा पर -


108  शिव मंदिर समूह, वर्धमान (108 Shiva Temple at Nawab hat, Bardhaman, West Bengal)

सावन मास में भगवान शिव और उनके भक्त बड़े व्यस्त हो जाते हैं, जहाँ लोग साल भर बाबा को दर्शन को नहीं जाते वो भी सावन में बाबा के दर्शन को जाते है, उन्ही में से मैं भी एक हूँ । कल नाग पंचमी थी और सावन महीना भी चल रहा था, तो सोचा क्यों न एक पंथ दो काम कर लिया जाये । भगवान के दर्शन के साथ घुमक्कड़ी भी,  इसी विचार से कोलकाता से 108 किमी० दूर  वर्धमान के नवाब हाट स्थित 108  शिव मंदिर समूह के दर्शन करने  के लिए निकल पड़ा ।


यहाँ पहुचने के लिए कोलकाता से सीधी ट्रेन और बस है जो आपको 2 घंटे लगभग में वर्धमान स्टेशन पहुँचा देती है । स्टेशन से 108 शिव मंदिर समूह की दूरी कुल चार किमी० है । वहा से आप रिक्शा करके मंदिर तक जा सकते है । वैसे हम लोग अपनी गाड़ी में  वर्धमान के 108 शिव मन्दिर समूह तक गये थे ।

इस जगह का मुख्य आकर्षण है एक जगह पर भगवान शिव के 108 मंदिर होना । 108 शिव  मंदिर  का निर्माण रानी विष्णु कुमारी  (जो राजा तिलक चंद जी की विधवा थी) ने सन् 1784 में   शुरू कराया । उस समय देश  में अंग्रेजी शासन  था । शायद रानी के अंग्रेजो के समक्ष न झुकने के कारण , अंग्रेजो ने यहाँ स्थित नवाब हॉट को तहस नहस कर दिया था । रानी कई दिनों  तक परेशान रही थी । एक रात अचानक से भगवान  शिव उनके सपने में आये और उन्हें इसी स्थल (नबाब की हाट)  पर 108 मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया । मंदिर को पूरा करने में चार साल लग  गए , और ये मंदिर श्रंखला सन 1788 में बन कर तैयार हुआ ।

मंदिर के बाहरी वृत भाग में 74 मंदिर और अंदरूनी भाग में 34 मंदिर है । ये सभी मंदिर झोपडी नुमा आकार में बने हुए  है, और सारे के सारे एक जैसे ही आकृति के है । ये मंदिर के चारो दिशाओ में बने हुए है । बाकि 107 में तो भगवान शिव लिंग के दर्शन होते है, सिर्फ एक में शिव लिंग के साथ पार्वती माता के भी दर्शन साथ -साथ होते है । जहा 54 मंदिर पूरे होते है, वहा जोड़े से श्याम और श्वेत वर्ण (सफेद और काले रंग) के नंदी जी के दर्शन होते है ।

हालाकि यहाँ साल भर श्रद्धालु दर्शन को आते है पर सावन के महीने में और शिव रात्रि के दिन यहाँ की रौनक अलग ही हो जाती है और अत्यधिक भीड़ होती है । शायद इन दिनों भगवान शिव  साक्षात् मिल जाते है । खैर सबकी अपनी -अपनी  श्रद्धा और भावना है । सम्पूर्ण  मंदिर के पूजा और दर्शन करने में आपको 1.30 से 2 घंटे का समय लग जाते है । बाकि समय तो कोई  प्रवेश  शुल्क नही होता  सिर्फ सावन में 10 रुपये प्रति व्यक्ति है ।

एक और जरुरी बात वो ये की जो खाने के शौकीन है और अपनी गाड़ी से दर्शन को आये है । वो यहाँ से 10 km की दूरी पर स्थित शक्तिगढ़ नाम के स्थान पर जा सकते है । वहां हाईवे पर लेगचा धाम या लेगचा महल  नाम से  मिठाई की दुकाने है ,नाम बड़ा अजीब है पर वही की लेगचा मिठाई बहुत जबरदस्त है ।

तो कब आ रहे आप लोग भोले बाबा के दरबार में ।

चलिए अब देखते इस सुन्दर स्थल को चित्रों की जुबानी →
Shiv Temple











लेगचा धाम या लेगचा महल मिठाई की दुकान (A Sweet Shop at Shakti Garh

मिठाइयो की किस्मे ....

काला गुलाब जामुन






चलिए उपरोक्त जानकारी के इस यात्रा लेख का समापन करता हूँ   । आशा करता हूँ , आपको इस नई जगह के बारे पढ़कर अच्छा लगा होगा । इसी के साथ आप सभी बहुत बहुत धन्यवाद  ।
(C) किसन बाहेती

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21 comments:

  1. बहुत ही रोचक वर्णन किशन जी,पढ़कर आनंद आया।वर्धमान के शिव मंदिर के दर्शन करके हम भी कृतार्थ हुए।थोड़ा यात्रा विवरण और बढ़ जाता तो चार चांद लग जाते।ये मात्र एक सुझाव है।बाकि बहुत अच्छा लिखा आपने।

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    1. धन्यबाद रूपेश जी ,
      अगली बार थोडा और विस्तृत रूप से लिखने की कोशिस करूँगा

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  2. बढ़िया यात्रा विवरण !
    फोटो के साथ कैप्शन भी डाल दीजिए । राजा तिलक चंद के बारे में कोई जानकारी नही दी । थोड़ा विस्तार अपेक्षित था ।

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    1. चन्दन जी
      धन्यवाद , कैप्शन डालने को कोशिश करता हु । राजा चन्दन जी के बारे जानकारी एकत्रित कर जोड़ने की कोशिश करूँगा

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  3. बढ़िया किशन जी चित्र सूंदर है । वर्णन को विस्तार दें थोड़ा आंनद बढ़ जायेगा.... जानकारी भी ।

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    1. धन्यवाद डॉ साहब
      आपके सुझाव पर अमल करने की कोशिश करूँगा ।
      कच्चा हु धीरे धीरे पक जाऊगा ।

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  4. बहुत सुंदर यात्रा विवरण
    सभी चित्रों खासकर मिठाईयों के फोटो पर कैप्शन लगा दिजिए।😊😊

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    1. धन्यवाद अनिल जी
      इन मिठाई को लेंग्चा कहते है /

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  5. बहुत ही सुंदर और असाधारण दिखने वाले मन्दिर है। इतने मंदिर शिव के एक साथ काफी रोचक है। आपकी पहली कोशिश सार्थक हुई भोले बाबा के द्वारा किशन ...👌

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    1. धन्यवाद
      बुआ जी ,
      वैसे ये दूसरी पोस्ट है मेरी /

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  6. किसन जी आपने लिखा उसके लिए आभार।
    अच्छी शुरुआत की है आपने, लेकिन कुछ छोटी मोटी कमी भी है तो वह निरंतर लिखने से दूर हो जाएंगी, "जय भोले नाथ"

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    1. आभार आपका
      कमी बताने का कष्ट करे ,सुधारने में सुबिधा hogi

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  7. बहुत बढ़िया किसन जी .....बस मित्रो की सुझावों अमल कीजिये, बाकि सब सही है |

    चित्रों को और बढ़िया किया जा सकता है

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    1. धन्यवाद सर
      आलोचक ही सच्चे मित्र होते है

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  8. बहुत खूब बहुत बढिया यात्रा चल रही है

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  9. ऐसी शानदार जगहों को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है

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  10. बहुत बढ़िया शुरुआत की है किशन जी आपने ! हालाँकि लेखन कम है लेकिन फोटो उसकी कमी पूरी कर रहे हैं ! अच्छा प्रयोग है आपका

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  11. The first phase the preparation should, theoretically, be uninfluenced by the intended intensity and duration of the sound which is subsequently produced. In fact, however, so quickly are the three phases accomplished that the pianist rarely has capacity to think, in performance, of each phase separately93 pressure weed strain

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  12. Amazing place is thi https://www.mddir.com/hub/

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  13. साहब, अपना स्वतन्त्र दिवस 14 अगस्त को कब हो गया?

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