इस श्रंखला को प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक कीजिये । कश्मीर भारत का एक ऐसा राज्य जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती से हर किसी यायावर को अपनी तरफ आकर्षित करता है, हर यायावर के मन में हमेशा एक बात तो हमेशा रहती है की वो कम से कम एक बार इसे शानदार राज्य की खूबसूरत वादियों की यात्रा जरुर करे। ऐसा ही मौका हमे भी मिला, सो पिछले लेख में मैंने बताया था की कैसे हम लोग आगरा से ग़ाज़ियाबाद और वहां से नई दिल्ली से एक ट्रेन के माध्यम से जम्मू तक पहुंचे । अब प्रस्तुत है आगे का यात्रा हाल जम्मू से पहलगाम तक की यात्रा का -
रामसू, रामबन, जम्मू & कश्मीर - बारिश के मौसम में स्थानीय नाले में भी भरपूर पानी (Local Nala at Ramsoo, J&K)
यात्रा दूसरा दिन (24/6/15)
हमारी उत्तर सम्पर्क क्रांति ट्रेन जम्मू स्टेशन पर सुबह के सात बजे पहुँच चुकी थी । मैं उस समय गाड़ी के दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था, तभी मुकेश को अपनी तरफ दौड़ लगाते हुए आते देखा, नीचे उतर का मुकेश जी मिले और उनका सामान गाड़ी में अपने डिब्बे में चढ़वाने में मदद की और दौड़ने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया की अंतिम समय में गाड़ी का प्लेटफार्म बदल दिया गया था इसलिए जल्दी जल्दी आना पड़ा । जम्मू स्टेशन पर हमारा वाला डिब्बा पूरा खाली होचुका था, केवल हम और हमारा परिवार ही रह गया था । डिब्बे में आने बाद मुकेश जी और उनके परिवार का हालचाल पूछा और अपने पूरे परिवार से उनका परिचय करवाया । कुछ देर बाद गाड़ी धीरे-धीरे स्टेशन छोड़ते हुए गति पकड लेती है और यहाँ से आगे गाड़ी पहाड़ी इलाके में दौड़ना शुरू कर देती है । कुछ देर बाद जम्मू से चढ़े टिकिट निरीक्षक टिकिट चेक करने आ पहुचंते है, उनका भी बातचीत करके निपटारा किया गया । उसके बाद सभी ने एक-एक चाय पी और कुछ अपनी कुछ हमारी बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया । यूँही बातचीत में कब समय गुजर गया और सुबह के 8:40 बजे हम लग उधमपुर स्टेशन पहुँच गये ।
उधमपुर जम्मू संभाग का एक बड़ा जिला है, उधमपुर जिला अधिकतर पहाड़ी इलाके में हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला में बसा हुआ है, यहाँ का रेलवे स्टेशन पहाडियों से घिरे एक घाटी क्षेत्र में स्थित है । उधमपुर स्टेशन मुख्य शहर औरजम्मू कश्मीर हाइवे NH-1 से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कश्मीर रेलवे के अंतर्गत उधमपुर स्टेशन से आगे रेलवे लाइन "माता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन" बन चुकी है, जिस पर अब अधिकतर गाड़िया जम्मू से आने वाली गाड़िया उधमपुर स्टेशन होते हुए कटरा स्टेशन जाने लगी है । कटरा से आगे रियासी, रामबन होते हुए बनिहाल तक रेलवे लाईन निर्माणाधीन है । बनिहाल से आगे श्रीनगर होते हुए बारामुला तक ट्रेन लाईन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और उस पर बनिहाल से (11किमी० लम्बी बनिहाल काजिगुड सुरंग) टनल से होते हुए पैसेंजर ट्रेने अपने समय सारणी के अनुसार नियमित चल रही है । वैसे सड़क मार्ग से जम्मू से श्रीनगर की दूरी लगभग 300किमी० खतरनाक पहाड़ी रास्ते से होते हुए है । रेलवे लाइन पूर्ण हो जाने के बाद जम्मू से श्रीनगर की दूरी बहुत कम हो जायेगी और बहुत कम समय में ट्रेन के द्वारा जम्मू से श्रीनगर पहुंचा जा सकता है ।
उधमपुर स्टेशन पर गाड़ी आकर प्लेटफार्म नम्बर एक पर लग जाती है ।हम लोग अपना सारा सामना बीन बटोर कर डिब्बे से बाहर प्लेटफार्म पर आ जाते है । स्टेशन से ही कुछ दूर चारो तरफ पहाड़िया कम ऊंचाई की पहाड़िया नजर आ रही थी जो स्टेशन की खूबसूरती में चार-चाँद लगा रही थी । इस समय बहुत सुहावना था, आकाश में बादल छाये हुए थे और ठंडी हवा का समागम हो रहा था । यहाँ का स्टेशन नया बना था साथ ही साथ बिलकुल साफ़ सुधरा और भीड़ रहित था । अपना सारा सामान समेट कर हम लोग स्टेशन से बाहर की तरफ चल दिए । कुछ सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद स्टेशन का ऑफिस और तीन विश्रामालय बने हुए थे । उधमपुर से हम लोगो को पहलगाम जाना था सो सभी लोगो को विश्रामालय में बैठाकर हम दो तीन लोग यहाँ से पहलगाम के लिए किसी बड़े वाहन का इंतजाम करने चल दिए । स्टेशन से बाहर आकर देखा तो यहाँ पर हमे कोई सुविधा नजर नहीं आई, केवल रेलवे की कैंटीन के सिवा और किसी प्रकार की दुकान नहीं थी । चारो तरफ शांति छाई हुई थी, कारण ये स्टेशन शहर से दूर है, हाल ही में नया बना है और शायद ये सैनिक छावनी में है । स्टेशन से और थोडा बाहर जाकर देखा तो सडक के किनारे एक टैक्सी ट्रेवेल की एक छोटी सी दुकान थी, मालूम किया था उस पर कोई बड़ी गाड़ी नहीं थी और दो छोटी गाड़ियों का किराया बहुत अधिक मांग रहे थे । सो यहाँ पर बात बनती नजर नहीं आई और पछतावा हुआ की हम लोगो को जम्मू तक ही आना चाहिए क्योकि वहां से पहलगाम और श्रीनगर के लिए हर तरह की गाड़ी की सुविधा है । खैर हमारा प्रीपेड फोन बंद हो चुका था सो पोस्टपेड फ़ोन वाले साथ के लोगो कुछ प्रबंध करने के लिए कहा । छोटे भाई अनुज ने नेट से ढूंढ एक ट्रेवल एजेंट का नम्बर लिया और कुछ देर फोन पर बाते करने के बाद एक टैम्पो ट्रेवलर की व्यवस्था उचित मूल्य पर हो गयी ।
उस एजेंट ने कहा की आपकी गाड़ी एक-डेढ़ घंटे बाद स्टेशन पर आ जायेगी, अब केवल हम लोगो प्रतीक्षा करनी थी सो वापिस विश्रामालय में आ गये । दो विश्रामालय पर हम लोगो ने कब्जा जमा लिया था एक महिला और एक पुरुष । यहाँ विश्रामालय और उसका बाथरूम बिल्कुल साफ सुधरा था सो नहा धोकर सभी लोग तरोताजा हो गये और यही पर अपने साथ लाये नाश्ते से अपनी भूंख को मिटाने का प्रबन्ध भी कर लिया । काफी समय आपस में बातचीत और स्टेशन पर टहलते हुए व्यतीत किया । गाडी के ड्राइवर को फोन किया तो आने वाला था, सो हम लोगो भी अपना सामान निकालकर बिल्कुल स्टेशन से बाहर आ गये । फिर भी उसने यहाँ तक आने में काफी समय व्यतीत कर दिया, मौसम खराब होने लगा था, बारिश की बूंदे दस्तक देने लगी थी । तभी हमारी गाड़ी आ गयी, गाड़ी में अपना सामान व्यवस्थित कर हम लोगो ने लगभग बारह बजे के आसपास अपनी पहलगाम की यात्रा शुरू कर दी । हमारी गाड़ी के चालक एक कश्मीरी पंडित थे, बिल्कुल सीधे-साधे, कम बोलचाल वाले, उन्हें हम शर्मा जी कहकर ही सम्बोधन कर रहे थे । गाड़ी चलने के कुछ देर बारिश तेज शुरू हो गयी, जिस कारण से गाड़ी की गति भी धीमी हो गयी, पर इस मौसम में पहाड़ी नज़ारे शानदार हो गये , सब धुला-धुला सा लग रहा था । नदियों का बहाब भी तेज हो गया था और उनका पानी मटमैला हो गया था । पहाड़ो के मध्य सफेद बादलो पहाड़ो की खूबसूरती को चार चाँद लगा रहे थे, बारिश से मौसम भी ठंडा हो गया था ।
हमारी गाड़ी इस समय जम्मू श्रीनगर राजमार्ग (NH-1A) चल रही थी, ये कश्मीर का सबसे व्यस्तम राजमार्ग है जो बाकि देश को कश्मीर जोड़ता है । उधमपुर से पहलगाम की दूरी लगभग 223 किमी० है, और ये रास्ता बेरीनाग होते हुए अनंतनाग तक पहाड़ी फिर कुछ मैदानी फिर उसके बाद पहलगाम तक पहाड़ी है । एक घंटे के सफर और कुद कस्बे के बाद पटनीटॉप पर्वतीय नगर की चढ़ाई शुरू हो गयी । घुमावदार रास्ते, गहरी खाइयाँ, बड़े-बड़े चीड के जंगल, घाटियों में बादलो आवा-गमन, धुंध आदि से यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य दिल एक सुखद सुकून दे रहा था । जितना ऊपर चढ़ते जा रहे है, हवा और यहाँ का वातावरण और भी ठंडा होता जा रहा था । बारिश अभी भी लगातार पड़ रही थी, जिस कारण से पहाड़ी रास्ते पर गाड़ी की गति भी मंद पड़ गयी थी ।
पटनीटॉप हिमालय की शिवालिक रेंज की सबसे ऊंचाई पर बसा हुआ जम्मू का सबसे खूबसूरत और अपने मूल प्राकृतिक रूप में व्यवस्थित पर्यटक स्थल है जो समुंद्रतल से 6650 फिट की ऊंचाई पर बसा हुआ है । जम्मू से श्रीनगर के बीच की दूरी, ट्रेफिक जाम और पटनीटॉप पास की अत्यधिक पहाड़ी चढ़ाई को कम करने लिए राजमार्ग (NH1A) पर एक लम्बी सुरंग (Chenani - Nashri Tunnel) का निर्माण किया जा रहा है, पटनीटॉप से कुछ किमी० पहले चैनानी से शुरू होकर पटनीटॉप के बाद नाशरी नाम की जगह पर में इसका अंतिम छोर होगा, इस सुरंग सड़क मार्ग की कुल लम्बाई 9 किमी० के आसपास रहेगी । इस सुरंग के बन जाने से करीब 31 किमी० की दूरी जम्मू से श्रीनगर के बीच कम हो जायेगी ।
वैसे हम लोगो का मन पटनीटॉप में कुछ देर रुकने का था पर अत्यधिक बारिश के कारण नहीं रुके । पटनीटॉप पास के बाद सीधे पहाड़ी घुमावदार उतराई शुरू हो गयी पर ट्रक और अन्य गाड़ियों के डीजल के धुएं से घुटन से महसूस होने लगी, और रास्ता भी कुछ ख़राब और धूल भरा था, खैर ये अत्यधिक उतराई वाला रास्ता निकल जाने के बाद सामान्य पहाड़ी रास्ता शुरू हो गया और चिनाब नदी सड़क की एक तरफ इस पहाड़ी रास्ते पर हमारे साथ ही चलती रही । शाम के पांच बजे आसपास रामबन नाम की जगह पर पहुँच गये, एक ढाबे पर कुछ देर चाय-नाश्ता के लिए रुकने बाद अपना आगे का सफर जारी रखा । रामसू पर एक जगह पर सडक से पहाड़ो के बीच एक यही के स्थानीय नाले का विहंगम द्रश्य नजर आया, बारिश के कारण इस नाले का बहाब बहुत तेज था और पानी मटमैला हो रखा था । यह नाला आगे जाकर चिनाब नदी में मिल जाता है ।
बनिहाल कस्बे से करीब 20किमी० चलने के बाद शाम के पौने सात के बजे के करीब हम लोग जवाहर सुरंग पहुँच गये। जवाहर सुरंग हिमालय की पीर पंजाल पर्वत श्रेणी में बनिहाल और काजिगुड के बीच में समुद्रतल से 2194मीटर ऊंचाई पर स्थित करीब 2.5किमी लम्बी सड़क सुरंग है । जवाहर टनल से निकलने के बाद हम लोग कश्मीर घाटी में प्रवेश कर जाते है और यहाँ का नजारा ही बदल जाता है । ऊंचाई से दिखते पहाड़, सुदूर घाटी, नदी बड़े सुहाने नजर आते है । जवाहर सुरंग पार करने के बाद कश्मीर घाटी में भी जोरदार बारिश जारी थी । सड़क पर काफी पानी जमा हुआ था, मकानों और दुकानों की छत से बहुत तेजी से पानी बह रहा था । खैर जोरदार बारिश के बीच बेरीनाग वाले रास्ते से होते हुए हम लोग अनंतनाग पहुंचे ।
अनंतनाग से एक रास्ता श्रीनगर को और दाई तरफ वाला रास्ता पहलगाम को जाता है। श्रीनगर की दूरी करीब 65किमी० है और अधिकतर रास्ता मैदानी इलाके में है । हम लोगो की योजनानुसार पहले पहलगाम जाना था सो हमलोगों ने यही रास्ता पकड़ा । सूरज गायब हो चुका था, रात के अधियारी का साम्राज्य फ़ैल चुका था, बारिश लगातार पड़ रही थी । गाड़ी की हेडलाईट से केवल सड़क का और चौराहों का अंदाजा हो रहा था, शहर की लगभग सभी दुकाने और रेस्तरा बन्द हो चुके थे । समय तेजी से भागता जा रहा था और हम लोग अपनी मंजिल के तरफ चले जा रहे थे । अनंतनाग से कुछ किमी० चलने के बाद सड़क के दाई तरफ लिद्दर नदी दिखाई देने लगी थी, नदी के तेज बहाव की आवाज हमारे कानो तक आ रही थी, बारिश के कारण नदी में इस समय बहुत पानी था ।
काली घनियारी रात में तेज हवा से झूलते पेड़ो के साये और और नदी की तेज आवाज ने माहौल को रहस्यमयी बना दिया । पहलगाम का ये रास्ता बहुत अच्छा और लगभग समतल ही था । रात के साढ़े आठ बज चुके थे, और हम लोगो ने पहलगाम में पहले से कोई होटल बुक नहीं किया हुआ था सो रास्ते में हमारे गाड़ी चालक के होटल के बारे में पूछा भी । हमने कह दिया यदि आपकी जानकारी में हो तो कोई होटल फोन से ही बुक कर दो, इस बरसाती रात में हम लोग होटल कहाँ ढूढ़गे । उसने किसी को फ़ोन किया और एक होटल की जानकारी ली और चन्दनबाड़ी रोड पर एक होटल को भावतौल करके हमारे लिए रियायती दरो पर पांच कमरे बुक कर दिए । अनंतनाग से एक-डेढ़ घंटे के सफर के बाद हम लोग पहलगाम की सीमा में प्रवेश कर जाते है । बारिश अब काफी मंद पड़ चुकी थी और पहलगाम लगभग सोया ही पड़ा था । बस कुछ होटल और रेस्तरा वाले जगह पर रौनक बनी हुई थी, हमलोगों को सबसे पहले होटल पहुँचना था सो फोन पर बार बार उससे उस होटल का सड़क मार्ग पूछते हुए अंत में आखिर साढ़े नौ बजे के आसपास होटल पहुँच गये । होटल मुख्य पहलगाम से चार पांच किमी० दूर और मुख्य सड़कमार्ग से कुछ हटकर अन्दर गलियों में था ।
रात होने के कारण जगह का अंदाजा हमे जरा भी नहीं हो पा रहा रहा । हमारे इस होटल का नाम था "इन्डियन पैलेस" INDIAN PALACE पता - नियर जनरल बस स्टैंड, चन्दनबाड़ी रोड, पहलगाम । गाड़ी से बाहर निकलते ही हम लोगो को यहाँ के मौसम का अंदाजा हुआ, काफी ठण्ड थी और ऊपर से अभी भी बूंदा-बांदी हो रही थी मतलब उधमपुर से पहलगाम के सफर में बारिश ने हमारा पीछा नही छोड़ा था । खैर हमारी उम्मीद से होटल काफी बेहतर और साफ सुधरा था । कमरे भी लकड़ी से बने हुए, सुसज्जित और साफ-सुधरे थे । रात में हम लोगो के लिए होटल के स्टाफ में खाने-पीने की व्यवस्था की । खाना स्वाद में सही था पर चपाती बहुत पतली थी खैर खाना खाकर अपनी भूंख को शांत किया । कुछ देर सिगड़ी पर हाथ सेकते हुए होटल के स्टाफ कल के लिए योजना तैयार की । सारे दिन की यात्रा में हम सभी लोगो को बहुत थका दिया था सो सब लोग "शुभरात्रि" कहते हुए अपने-अपने कमरे में सोने चले गये ।
इस यात्रा लेख सम्बन्धित चित्रों का संकलन आप लोगो के प्रस्तुत है →
उत्तर सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस उधमपुर स्टेशन पर (Uttar Samprak Krani Train at Udhanpur Railways Station)
Udhampur Railway Station (उधमपुर रेलवे स्टेशन )
ऊपर से स्टेशन का एकविहंगम नजारा (Udhampur Railway Station )
उधमपुर स्टेशन का नजारा (Udhampur Railway Station )
उधमपुर स्टेशन का नजारा (Udhampur Railway Station )
उधमपुर स्टेशन का ऑफिस और विश्रामालय (Station Office & Retiring Room at Udhampur Railway Station )
A Flower at Garden at Station
उधमपुर स्टेशन का नजारा (Udhampur Railway Station )
स्टेशन के पीछे हवाई अड्डे से उड़कर चक्कर लगाते हेलिकाप्टर
उधमपुर स्टेशन बाहर से (Udhampur Railway Station )
उधमपुर स्टेशन बाहर से (Udhampur Railway Station )
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
बटोत में जब कुछ देर के लिए रुके थे - रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way at Batote)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
चिनाब नदी - रास्ते के कुछ नज़ारे ( Chinab River - View on the way)
चिनाब नदी - रास्ते के कुछ नज़ारे ( Chinab River - View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
रामसू, रामबन, जम्मू & कश्मीर - बारिश के मौसम में स्थानीय नाले में भी भरपूर पानी (Local Nala at Ramsoo, J&K)
रास्ते के कुछ नज़ारे ( View on the way)
जवाहर सुरंग का एक वीडियो (Jawahar Tunnel )
HOTEL INDIAN PALACE का हमारा कमरा (A Beautiful room at Hotel)
तो ये था हमारे कश्मीर यात्रा के दूसरे दिन के भ्रमण का लेखा जोखा, अब इस लेख को यही समाप्त करते है मिलते कश्मीर यात्रा के एक नये लेख साथ । आशा करता हूँ, आपको यह लेख पसंद आया होगा, यदि अच्छा लगे तो टिप्पणी के माध्यम से विवेचना जरुर करे। जल्द ही मिलते है, इस श्रृंखला के अगले लेख के साथ, तब तक के लिए आपका सभी का धन्यवाद !
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ कश्मीर यात्रा श्रृंखला के लेखो की सूची :
जी प्रकाश आपकी बात से मैं पूर्णतया सहमत हूँ......... रितेश जी की यात्रावृतांत रचना बेहद रोचक होती है...... इन रचना को पढ़ने के पश्चात ऐसा लगता है कि मैं वही पर हूँ जहां की रचना है....... ऐसी ही यात्रावृतांत रचना शब्दनगरी के माध्यम से भी पढ़ सकतें हैं व अपनी अनूठी रचना लिख भी सकतें हैं.....
बहुत बढ़िया रितेश भाई... जानकारी बहुत सारी है, इतनी यात्रा में तो नहीं हो सकती :) , बहुत होमवर्क किये हो लगता है. काफी छोटा स्टेशन है उधमपुर का तो.. रोमेश जी समय से ग्रुप में जुड़े होते तो आज उनका भी जिक्र होता यात्रा में.. :) फोटोज ने घर बैठे सब दिखा दिया..
जी हाँ किसी लेख को लिखने में मुझे थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ती है | उधमपुर एक छोटा पहाड़ी रेलवे स्टेशन है | सही कहा यदि रोमेश जी उस समय ग्रुप से जुड़े होते तो इनसे मिलना जरुर होता...
मेरा सपना है कि मैं भी हिमालय की यात्रा पर जाऊँ । शायद इसीलिए आप और आपकी तरह रोमांचक यात्रा करने वाले अन्य साथियों की यात्रा वृत्तांत बहुत दिल से पढ़ता हूँ । बहरहाल आपके इस शानदार वृत्तांत के लिए शुभकामनाएँ !
काफी विस्तृत यात्रा विवरण है रितेश जी, छोटी-मोटी बातों को भी समझाया है आपने, मुझे तो पता ही नहीं था की इस मार्ग पर जवाहर टनल नामक कोई सुरंग भी है . www.travelwithrd.com
रितेश जी, अच्छा लेख लिखा फ़ोटो तो खूबसूरत हे , परिवार के साथ यात्रा करनेका अलग ही आनंद होता हे , आप से अनुरोध हे (अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो ) की टैक्सी,होटल रूम के किराया का जिक्र आप लेख में कीजिये , अगर कोई आपका लेख पढ़कर कश्मीर यात्रा पर जाना चाहता हो तो ..उसे खर्च का अंदाजा होगा ... धन्यवाद................
सुनील जी टैक्सी और होटल के किराए का जिक्र मैं इसलिए नहीं करता क्योकि ये सब समय के अनुसार बदल जाते है ... यदि आपको कोई जानकारी चाहिए तो आप मुझे इमेल कर सकते है riteshagraup@gmail.com
kashmir yatra ka aage ki yatra ka vivaran kab hame padhane doge.... bahut iantazari ho rahi hai.. sir..... bahut sundar... janakari se bharpur lekh hai aap ke.. thankss...
कश्मीर को इतने करीब से और गहरे से जान पाने का मौका देती है आपकी ये वाली पोस्ट रितेश जी । अब तो श्री नगर बनिहाल बारामूला वाला रेल नेटवर्क शुरू हो गया है । बेहतरीन चित्र
Guiding auras is a renowned institute offer various courses like tarot reading course, Numerology course, Angel reading course, Vastu course, Crystal healing course also offer online classes. Guiding auras also offer tarot card reading, angel card reading and vastu & Numerology Consultation. Malati is a owner and Consultant at GUIDING AURAS. Being a clairvoyant and a professional Tarot, Numerologist and Vaastu consultant helping people for the last 14 years. With 14 years experience malati khanna is a professional Tarot, Numerologist and Vaastu consultant in delhi.
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बहुत ही उम्दा लेख रितेश् जी, अगली कड़ी की प्रतीक्षा हमेशा की तरह रहेगी...
ReplyDeleteजी प्रकाश आपकी बात से मैं पूर्णतया सहमत हूँ......... रितेश जी की यात्रावृतांत रचना बेहद रोचक होती है...... इन रचना को पढ़ने के पश्चात ऐसा लगता है कि मैं वही पर हूँ जहां की रचना है....... ऐसी ही यात्रावृतांत रचना शब्दनगरी के माध्यम से भी पढ़ सकतें हैं व अपनी अनूठी रचना लिख भी सकतें हैं.....
Deleteधन्यवाद प्रकाश जी.....
Deleteधन्यवाद शुभम जी ..... आपका उत्साहवर्धन मेरे लिए महत्वपूर्ण है ...|
Deleteधन्यवाद
badhiya vivaran.. pahalgam ki foto ka intezar
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी.... पहलगाम के भी फोटो मिल जायेंगे.
Deleteबहुत बढ़िया रितेश भाई...
ReplyDeleteजानकारी बहुत सारी है, इतनी यात्रा में तो नहीं हो सकती :) , बहुत होमवर्क किये हो लगता है. काफी छोटा स्टेशन है उधमपुर का तो.. रोमेश जी समय से ग्रुप में जुड़े होते तो आज उनका भी जिक्र होता यात्रा में.. :)
फोटोज ने घर बैठे सब दिखा दिया..
धन्यवाद संजय कौशिक जी...
Deleteजी हाँ किसी लेख को लिखने में मुझे थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ती है |
उधमपुर एक छोटा पहाड़ी रेलवे स्टेशन है | सही कहा यदि रोमेश जी उस समय ग्रुप से जुड़े होते तो इनसे मिलना जरुर होता...
badiya jankari. do baar ghumne ke bavjood aapka lekh padkar sab khuch ekdam naya-sa laga.
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया अनुज जी
Deleteआपके फोटो बहुत सुंदर है और यात्रा लेख भी अब जल्दी से अगला भाग लिख दो
ReplyDeleteधन्यवाद अनिल शर्मा जी...
Deleteरितेश जी अच्छा लेख लिखा फ़ोटो तो जानदार है मुझे मेरी कश्मीर यात्रा याद दिला दी आपने
ReplyDeleteजी विनोद जी ....लेख पढ़कर याद आ ही जाती है | धन्यवाद
Deletevery good
ReplyDeleteखूबसूरत धाटी और खूबसूरत रास्ते ...पानी ने आनन्द ख़राब किया वरना रास्ते की खूबसूरती में चार चाँद लगने वाले थे
ReplyDeleteजी बुआ जी | पानी से रास्ते तो और भी खूबसूरत हो उठे थे..
Deleteबहुत सुंदर लेख व साथ में फोटो भी। अगामी लेख का इंतजार रहेगी।
ReplyDeleteधन्यवाद त्यागी जी ...
Deleteमेरा सपना है कि मैं भी हिमालय की यात्रा पर जाऊँ । शायद इसीलिए आप और आपकी तरह रोमांचक यात्रा करने वाले अन्य साथियों की यात्रा वृत्तांत बहुत दिल से पढ़ता हूँ । बहरहाल आपके इस शानदार वृत्तांत के लिए शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteजी अधिकतर लोगो का सपना होता है की वो हिमालय की यात्रा जाए...आप भी जाइये...
Deleteलेख की प्रसंन्सा करने के लिए आपका धन्यवाद
काफी विस्तृत यात्रा विवरण है रितेश जी, छोटी-मोटी बातों को भी समझाया है आपने, मुझे तो पता ही नहीं था की इस मार्ग पर जवाहर टनल नामक कोई सुरंग भी है .
ReplyDeletewww.travelwithrd.com
धन्यवाद प्रजापति जी ...
Deleteमेरा लिखने का तरीका ही कुछ ऐसा है जिसे शायद में बदल नहीं पाऊं.
very nice and useful information.
ReplyDeletebahut achha. ramsu me chinab nahi aur ek nalla hai. use thik karen.chitr me bhi aur likhne me bhi
ReplyDeleteजी रोमेश जी...... उसको अब ठीक कर दिया है
Deletephotos ki clarity zabardast hai
ReplyDeleteधन्यवाद रोमेश सर जी
Deleteरितेश जी, अच्छा लेख लिखा फ़ोटो तो खूबसूरत हे , परिवार के साथ यात्रा करनेका अलग ही आनंद होता हे ,
ReplyDeleteआप से अनुरोध हे (अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो ) की टैक्सी,होटल रूम के किराया का जिक्र आप लेख में कीजिये , अगर कोई आपका लेख पढ़कर कश्मीर यात्रा पर जाना चाहता हो तो ..उसे खर्च का अंदाजा होगा ... धन्यवाद................
धन्यवाद सुनील जी लेख पर टिप्पणी के लिए...|
Deleteसुनील जी टैक्सी और होटल के किराए का जिक्र मैं इसलिए नहीं करता क्योकि ये सब समय के अनुसार बदल जाते है ... यदि आपको कोई जानकारी चाहिए तो आप मुझे इमेल कर सकते है
riteshagraup@gmail.com
धन्यवाद रितेश जी,३ रे भाग का इंतज़ार रहेगा .
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deletekashmir yatra ka aage ki yatra ka vivaran kab hame padhane doge.... bahut iantazari ho rahi hai.. sir..... bahut sundar... janakari se bharpur lekh hai aap ke.. thankss...
ReplyDeleteधन्यवाद किशोर जी.....
Deleteव्यस्त समय से समय निकाल कर लिखता रहता हूँ ...
बिल्कुल सजीव चित्रण,राकेश जी ऐसा लग रहा था जैसे मैं स्वयं आपके साथ यात्रा कर रहा था....
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति..अगले भाग के इंतजार के साथ धन्यवाद।
टिप्पणी के लिए
Deleteधन्यवाद प्रदीप जी.....
कश्मीर को इतने करीब से और गहरे से जान पाने का मौका देती है आपकी ये वाली पोस्ट रितेश जी । अब तो श्री नगर बनिहाल बारामूला वाला रेल नेटवर्क शुरू हो गया है । बेहतरीन चित्र
ReplyDeleteटिप्पणी द्वारा उत्साहबर्धन करने के लिए धन्यवाद जी ...
Deleteशानदार लेख। और आपकी फोटोग्राफी का तो मैं कायल हूँ ही रितेश भाई।
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी....
Deleteउत्साह वर्धन के लिए ...
Nice lekh
ReplyDeleteThanks
Deletenice
ReplyDeleteThanks
Deletereally a Nice description keep writing.
ReplyDeleteThanks sunny
Deletenice post
ReplyDeletethanks for sharing
धन्यवाद जी
DeleteI wanted to thank you for this excellent read!.Vaastu
ReplyDeleteGuiding auras is a renowned institute offer various courses like tarot reading course, Numerology course, Angel reading course, Vastu course, Crystal healing course also offer online classes. Guiding auras also offer tarot card reading, angel card reading and vastu & Numerology Consultation. Malati is a owner and Consultant at GUIDING AURAS. Being a clairvoyant and a professional Tarot, Numerologist and Vaastu consultant helping people for the last 14 years. With 14 years experience malati khanna is a professional Tarot, Numerologist and Vaastu consultant in delhi.
ReplyDeleteacha view tha photos ka
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Delete