अपना देश भारत अनादि काल से ऋषि मुनियों की धरती रही है और समय-समय पर इनके द्वारा हिन्दू धर्म को मार्ग दर्शन मिला है जो आज भी इनके द्वारा रचित वेद पुराणों, ग्रन्थों और महाकाव्य के रूप विद्यमान है । इन्ही महान ऋषियों में एक महर्षि थे वेदव्यास जी, जिन्होंने महाभारत नाम के काव्यग्रन्थ की रचना की थी । अपने श्री मुख से व्यास जी महाभारत महाकाव्य का उच्चारण किया था और भगवान गणेश जी के द्वारा लिखी गयी ये रचना आज हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी और प्रमुख रचना है जो जीवन के सन्देश के साथ सत्य और असत्य का बोध कराती है ।
अपने एक मित्र के विवाह समारोह के लिये काल्पी नगर जाना हुआ । काल्पी एक छोटा नगर है जो उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में आता है । यमुना नटी के किनारे बसे नगर के भृमण के दौरान ज्ञात हुआ कि काल्पी अपनी ऐतिहासिक छवि (ऐतिहासिक छवि के बारे अन्य लेख में) के साथ-साथ महर्षि वेदव्यास जी की जन्मभूमि भी है ।
विवाह समारोह के उपरांत अगले दिन हम लोग महर्षि वेद व्यास जी के मन्दिर जा पहुँचे । यहाँ पर व्यास जी के दो मन्दिर है । एक मन्दिर नया बना हुआ जो श्री बाल व्यास नाम से है, ये मन्दिर बड़ी जगह में और बहुत खूबसूरती बना हुआ है । मन्दिर गर्भ गृह में व्यास जी के पिता ऋषि परासर जी और माता सत्यवती की गोद मे बाल व्यास को काले रंग की मूर्ति रूप में स्थापित किया हुआ है । मन्दिर प्रांगण के परिक्रमा पथ में काले पत्थर की मूर्तियो को स्थापित किया गया ।
श्री व्यास जी के प्राचीन मंदिर नए मन्दिर के समीप ही एक ऊंचे टीले पर विद्यमान है । ऊपर तक जाने के लिए सीढ़िया बनी हुई है । प्राचीन मंदिर अपनी पुरानी अवस्था मे ही है । मंदिर प्रांगण साफ सुधरा और बहुत अच्छी हालत में है । इस प्राचीन मंदिर में महर्षि वेद व्यास जी के प्रतिमा स्थापित है, पुजारी जी के द्वारा समय पर आरती वंदन किया जाता है । मन्दिर परिसर से यमुना तट सामने ही नजर आता है । महर्षि वेद व्यास के दर्शन करने के पश्चात कुछ देर मन्दिर में बैठे रहे और पुजारी जी मन्दिर के बारे जानकारी ली । इसके बाद मन्दिर में से विदा लेकर हम लोग अपने राह पर निकल गए ।
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स्थान : काल्पी
समय : फरवरी 2023
प्रस्तुत है कुछ चित्र काल्पी के श्री वेद व्यास मन्दिर के
इन चित्रों के साथ इस लेख का समापन करता हूँ मिलते है फिर किसी नए लेख में नई जगह के साथ ।
धन्यवाद