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Monday, December 17, 2012

नैनीताल ( Nainital )→ माँ नैनादेवी मंदिर और श्री कैंची धाम (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..7)

प्रिय मित्रों और पाठकगणों को नमस्कार !


आप लोगो ने मेरा पिछला लेख (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..6) तो पढ़ा ही होगा, जिसमे मैंने भीमताल के पास के हनुमानगढ मंदिर और सातताल की यात्रा का उल्लेख किया था । इस तरह से अब हमारा नैनीताल के मुख्य स्थल, नैनीताल के आसपास की स्थल और झीलो का भ्रमण हो चुका था, अब हमने अपना विचार कुमाऊँ के अन्य प्रसिद्ध स्थलो को देखना का बनाया । अपनी इस कुमाऊँ की श्रृंखला को आगे तरफ अग्रसर करते हुए इस लेख में सबसे पहले नैनीताल के मुख्य स्थल शक्तिपीठ माँ नैनीदेवी के मंदिर और उसके बाद आपको कुमाऊँ यात्रा के अन्य स्थलों पर ले चलता हूँ ।

Magnetic Look of Naini Lake from Mall Road Side (मन को प्रफुल्लित करता यह नैनी झील का सलोना रूप )

Friday, November 23, 2012

सातताल ( Sattal) → कुमाऊँ की सबसे सुन्दर झील (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..6)


प्रिय मित्रों और पाठकगणों को नमस्कार !

आप लोगो ने मेरा पिछला लेख (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..5) तो पढ़ा ही होगा, जिसमे मैंने नैनीताल क्षेत्र की दो प्रमुख झील, भीमताल और नौकुचियाताल की सैर का वर्णन किया था । अब अपनी इस कुमाऊँ की श्रृंखला को आगे तरफ अग्रसर करते हुए इस लेख में आपको ले चलता हूँ, भीमताल के पास स्थित “हनुमानगढ़ मंदिर” और प्रकृति की गोद में शांत वातावण में स्थित सरोवर नगरी नैनीताल की सबसे सुन्दर झील “सातताल झील”
नौकुचिया झील पर काफी समय व्यतीत हो जाने के बाद समय को महत्व को समझते हुए अब हमारा यहाँ से चलने को समय हो गया था । हमारा टैक्सी चालक भी हमे ढूंढते हुए हमे बुलाने आ पंहुचा था । नौकुचिया झील की स्मृतियों को ह्रदय में कैद कर हम लोग अपनी टैक्सी में बैठ जिस रास्ते से आये तो उसी रास्ते से वापिस चल दिए । लगभग पांच किलीमीटर सफ़र करने के बाद हम लोग भीमताल के उसी स्थान पर पहुँच गए जहाँ से हम भीमताल से चले थे । भीमताल पर रुकने का हमारा कोई मतलब नहीं था, सो हम लोग झील के किनारे-किनारे झील का अवलोकन करते हुए और फिर उसके बाद भीमताल के बायपास वाले रास्ते से न होकर पुराने वाले रास्ते पर चलते रहे । कुछ देर चलने के बाद दूर से ही एक श्री हनुमान जी आदमकद मूर्ति नजर आने लगी । धीरे-धीरे हम लोग उस मूर्ति के पास तक पहुँच गए, यह आदमकद मूर्ति एक मंदिर के प्रांगण स्थापित थी । हमारे कार चालक ने कार को सड़क के किनारे लगा दिया और कहा कि आप लोग जल्दी से दर्शन करके आ जाओ, इस समय छह बज रहे और हम लोगो को अभी सातताल भी जाना हैं ।

हनुमानगढ़  मंदिर (Hanumangarh Temple) के दर्शन :→

A large statue of Sri Hanuman jI at Hanumangarh Temple Near Bhimtal (भीमताल के पास हनुमानगढ़ मंदिर में स्थापित श्री हनुमानजी की मूर्ति)

Saturday, October 20, 2012

नौकुचियाताल (Naukuchiya Taal) → नौ कोने वाली सुन्दर झील ( (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..5)


आप लोगो ने मेरा पिछला लेख (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..4) तो पढ़ा ही होगा, जिसमे मैंने नैनीताल के पास स्थित कुमाऊं की सबसे बड़ी झील भीमताल  झील का वर्णन किया था ।  अब अपनी इस कुमाऊँ की श्रृंखला को आगे अग्रसर करते हुए आज की इस लेख में आपको ले चलता हूँ, नैनीताल के पहाड़ियों में प्रकृति के  गोद में बसे  → नौकुचियाताल झील की सैर पर ।

भीमताल झील के अच्छे से दर्शन करने के पश्चात समय के मूल्य को समझते हुए, हम लोग जल्द ही टैक्सी में बैठकर पार्किग के पास से ही बाये वाले रास्ते से होते हुए अपने अगले गंतव्य स्थल नौकुचियाताल की तरफ कूच कर गए ।


Road Map From Bhimtal to NaukuchiaTal → 5KM 
(भीमताल से नौकुचिया ताल का एक सड़क नक्शा )
नौकुचियाताल झील (NaukuchiaTal Lake) की सैर 

पहाड़ों के हरे-भरे सीढ़ीदार खेत और हरियाली से घिरे बलखाती पक्की सड़क मार्ग से होते हुए, हम लोगो को कुछ मिनिटो के सफ़र के बाद शांत वातावरण में चारों से हरी-भरी पहाड़ियों से घिरे नौकुचियाताल के दर्शन हो ही जाते हैं । भीमताल से नौकुचिया ताल करीब पांच किलोमीटर और नैनीताल से करीब 26 किमी० दूर स्थित हैं । भीमताल से नौकुचियाताल के बीच रास्ते में एक दो गाँव भी पड़ते हैं, जहाँ पर हरे-भरे खेतों के द्रश्य ही नजर आते हैं ।

Monday, October 8, 2012

भीमताल ( Bheemtal )→ सुन्दर टापू वाली कुमायूं की सबसे बड़ी झील (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..4)


आप लोगो ने मेरा पिछला लेख (सुहाना सफ़र कुमाऊँ का…..3) तो पढ़ा ही होगा, जिसमे मैंने नैनीताल के मुख्य स्थलों की सैर का वर्णन किया था । महान हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित नैनीताल को प्रकृति ने हरी-भरी, नयनाभिराम वादियों के अलावा नैनीताल में और उसके आसपास के कई जगह पर और भी मीठे पानी की सुन्दर झीले प्रदान की हैं, इन्ही झीलों के अधिकता के कारण नैनीताल को “झीलों की नगरी” या “सरोवर नगरी” भी कहा जाता हैं । नैनीताल परिक्षेत्र में पहाड़ों के बीच सुन्दर वादियों में स्थित झीलों का भ्रमण किये बिना नैनीताल की यात्रा लगभग अधूरी ही रहती हैं । अब अपनी इस कुमाऊँ की श्रृंखला को आगे अग्रसर करते हुए आज की इस लेख में आपको ले चलता हूँ, नैनीताल के आसपास के इलाके में स्थित अदभुत और मन को आत्मविभोर करने वाली प्रकृति की गोद में बसी → झीलों की सैर पर ।

हिमालय दर्शन के बाद हमारा अगला गंतव्य स्थल भीमताल झील था । दोपहर के साढ़े तीन का समय हो रहा था, और इस समय हम लोग तल्लीताल के चौराहे पर पहुँच गए थे । यहाँ से भीमताल जाने के लिए टैक्सी चालक ने कार को बांयी तरफ के भोवाली वाले रास्ते पर ले लिया । यह रास्ता भी काफी साफ़-सुधरा, गड्डे रहित सपाट सड़क,  सड़क के किनारे परिवहन संबंधी चिन्हो का उपयोग और साथ में वादियों के खूबसूरत नजारो से भरा पड़ा था ।
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