Written by → Ritesh Gupta
यात्रा दिनांक 23जून2014
कुछ समय के सफर के उपरांत हम लोग सिक्किम के सीमावर्ती कस्बे (सिक्किम के प्रवेश द्वार) रंगपो पहुँच जाते है । रंगपो में प्रवेश से पहले ड्राइवर के कहने पर हम अपना परिचय पत्र बाहर निकल लेते है क्योकि यहाँ पर सिक्किम में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक यात्रियों के अपना पहचान पत्र दिखाना होता है, यदि परिवार या समूह में है तो एक व्यक्ति के पहचान पत्र से कम चल जाता है। रंगपो चेक पोस्ट पर ही यात्रियों का स्वागत करता हुआ एक बड़ा खूबसूरत सिक्किम शैली में बना हुआ दरवाजा है, यहाँ पर अपना परिचय पत्र दिखाने के साथ ही हम लोग सिक्किम राज्य में प्रवेश कर जाते है। रंगपो से कुछ किलोमीटर चलने के बाद सिंगताम (Singtam) के कस्बे से हाइवे पर दाहिने ओर गंगटोक की तरफ मुड़ने के साथ ही तीस्ता नदी का साथ छूट जाता है।
सिक्किम में आने से पहले ही सूमो का ड्राइवर ने हमसे कहा की देखना हमारा सिक्किम कितना सुन्दर और साफ सुधरा है । हर काम यहाँ पर नियम और कानून से ही होते है, पूरे सिक्किम में एक आपको एक भी भिखारी नहीं मिलेगा, यदि मिले तो फ़ौरन पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। यहाँ पर अधिकतर ईमानदार लोग है, कोई किसी से धोखा-धड़ी नहीं करता। यहाँ पर दुकानों पर आपको अधिकतर महिलायें का करती हुई मिलेगी, हर घर के बाहर आपको फूल-पौधे के गमलो या बगीचों से सजावाट देखने को मिलेगी। खैर उसने जैसा कहा वैसा ही हमको अपनी पूरी सीक्किम यात्रा के दौरान मिला। हरी-वादियों के नजारा लेते हुए, सुबह के ग्यारह बजे के बीच हम लोग गंगटोक शहर पहुँच गये।
यात्रा दिनांक 23जून2014
पिछले लेख में आपने पढ़ा । अपने इस सफ़र की शुरूआत और भारतीय रेल के माध्यम से कुछ कठिनाइयो का सामना करते हुए आगरा शहर से सिलीगुड़ी के स्टेशन न्यू-जलपाईगुड़ी की यात्रा के बारे। इस श्रंखला को अग्रसर करते हुए आपके समक्ष प्रस्तुत करते है, इस श्रंखला दूसरा लेख न्यू-जलपाईगुड़ी (सिलीगुड़ी) से सिक्किम राज्य की राजधानी गंगटोक शहर की यात्रा के बारे में है ।
रात के दो बजे नई-जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर कोई अधिक चहलपहल नहीं थी, चारो तरफ शांत वातावरण । ऐसा लग रहा था की कुछ दो-तीन घंटे पहले यहाँ पर तेज बारिश हुई होगी, इस कारण से यहाँ का मौसम ठंडा और स्टेशन बिल्कुल साफ-सुधरा था । देर रात का समय होने के कारण लोग-बाग जहाँ की तहां स्टेशन पर अपनी ट्रेन आने की प्रतीक्षा में आराम कर रहे थे। ट्रेन से उतरने के बाद अपना सारा सामान समेट कर हम लोग सीधे स्टेशन से बाहर की तरफ जाने वाले अपरगामी सेतु (Over Bridge) पर पहुँच गये, यहाँ का अपरगामी सेतु भी साफ सुधरा और काफी चौड़ा था । अपरगामी सेतु पर एक तरफ चादर बिछाकर और सामान एक तरफ लगा दिया । कुछ देर यही पर आराम किया और एक-एक करके नीचे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जाकर तरोताजा हुए ।
Gangtok (Sikkim) City near Lal Bazar (NH31A) (सुबह के समय गंगटोक शहर, लाल बाजार, डेन्जोंन सिनेमा के पास ) |
तरोताजा होने के बाद मैं और अनुज दोनों गंगटोक जाने के लिए, गाड़ी की व्यवस्था करने स्टेशन से बाहर चले गये । चूँकि गंगटोक और दार्जिलिंग से शाम के समय मुसाफिरों स्टेशन पर छोड़ने आई गाड़ियाँ सुबह के समय वापिस भी जाती है । ऐसी ही सिक्किम और प.बंगाल के कई गाड़ियाँ स्टेशन के बाहर लाइन लगाकर खड़ी हुई थी । इनमे सूमो, तवेरा और दस सीटर गाड़ी भी थी । इस यात्रा में हम लोग पहले गंगटोक जाने की योजना बना रखी थी सो वहां पर जाने के लिए अधिक सवारी होने के कारण दो गाड़ी की व्यवस्था करनी थी । वही पर एक व्यक्ति कम दलाल से गंगटोक जाने के सम्बन्ध बात हुई । तो उसने एक गाड़ी के 2400/- रूपये बताये, काफी मोलभाव किया तो 2200/- रुपये में सौदा पट गया । सब कुछ तय हो जाने के बाद उसने हमारी मुलाकात गाड़ी के ड्राइवर करा कर सिक्किम नंबर की दो सूमो गंगटोक जाने तैयार कर ली। उसने हमसे अग्रिम रूपये मांगे तो हमने उसे 500/- रूपये दे दिए और कह दिया की बाकि रकम गंगटोक पहुँच जाने बाद दे देंगे । गाड़ी की बुकिंग हो जाने के बाद सिलीगुड़ी में बस स्टैंड के पास एक होटल में ठहरे अपने छपरा वाले चचेरे भाई को तैयार रहने के लिए कह दिया । एक बात ध्यान रखने वाली है, यदि सिक्किम जा रहे तो सिक्किम राज्य के नंबर वाली गाड़ी ही किराये पर लेनी चाहिए, पश्चिम बंगाल वाली नहीं । क्योकि सिक्किम राज्य से बाहर की रजिस्टर्ड गाड़ियों को सिक्किम सीमा के प्रवेश पर रोककर सिक्किम में जाने के लिए परमिट बनवा पड़ता है, जिसमे शायद कुछ समय भी लग सकता है ।
पौने पांच बजे के आसपास हम लोग एक सूमो में बैठकर तथा दूसरी वाली सूमो के साथ लेकर सिलीगुड़ी चल दिए । पंद्रह-बीस मिनिट में स्टेशन से लगभग सात किमी० दूर सिलीगुड़ी के बस स्टैंड पहुँच गये वहां से एक होटल में ठहरे दूसरी गाड़ी के सवारी को लेने के बाद गंगटोक के लिए प्रस्थान कर दिया । बारिश होने के कारण सिलीगुड़ी शहर नहाया हुआ सा और हर तरफ भीगा-भीगा सा नजर आ रहा था और आकाश में घने बादलो का डेरा लगा हुआ था, इस कारण से मौसम भी ठंडा था । सिलीगुड़ी शहर के निकलते है, सड़क के दोनों ओर हरा-भरा शिवोक जंगली क्षेत्र शुरू हो गया । भोर की उजियारे में सड़क के दोनों ओर घने जंगली पेड़-पौधे की खूबसूरती के साथ-साथ प्रकृति के हरे रंग को चारो तरफ प्रखर करते हुए देखकर, एक बारगी अहसास हुआ की जैसे प्रकृति ने इन जंगल के पेड़-पौधे बारिश से नहला-धुला के हमारे स्वागत के लिए तैयार रखा हो । कुछ समय चलने के बाद यह हर-भरा जंगली क्षेत्र समाप्त होने के बाद पहाड़ी रास्ता शुरू हो गया । यदा-कदा हरे-भरी वादियों के दामन में सफ़ेद बादलो ने डेरा डाल रखा था । पहाड़ी रास्ता शुरू होने के कुछ मिनट के बाद आगे का रास्ता जाम मिला । जाम होने के कारण पहाड़ी रास्ते पर चल रही गाड़ियां जहाँ की तहां जाम खुलने की प्रतीक्षा में खड़ी हुई थी । कारण पता किया तो मालूम पड़ा कि रात में तेज बारिश होने के कारण कुछ दूरी पर भू-स्खलन से पहाड़ी मलवा सड़क पर आ गया है, जिससे आने व् जाने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया, अब आगे के सफ़र सड़क साफ़ होने के बाद ही शुरू होगा ।
खैर हम लोग गाड़ी बाहर आकर प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने लगे, सामने के पहाडियों पर बादलो का डेरा लगा हुआ था, सफ़र के शुरुआत में खूबसूरत नज़ारा देखकर मन अभिभूत हो गया । हमारी गाड़ी पहाड़ के जिस तरफ खड़ी हुई थी उस तरफ के पहाड़ से भी पत्थर गिरने लगे, हम लोग सुरक्षित पहाड़ के खाई के तरफ वाले कोने पर ही टहलते रहे । करीब एक घंटे के बाद रास्ता साफ हुआ तो आगे के सफ़र सिलसिला शुरू किया । कुछ किलोमीटर चलने के बाद कोहरा साफ़ हुआ तो सिक्किम की प्रसिद्ध नदी तीस्ता नदी नजर आने लगी । तीस्ता किसी अल्हड़ बच्चे की तरह पहाड़ की गहराई में लहराती बलखाती अपनी मस्ती में बह जा रही थी और कई जगह तो बहुत ही मनभावन द्रश्य उत्पन्न कर रही है । तीस्ता नदी सिक्किम की मुख्य और जीवन दायिनी नदी है जो सिक्किम के उत्तर से दक्षिण के तरफ बहती है और प०बंगाल से होती हुयी, बंगला देश जाकर ब्रहमपुत्र नदी में मिल जाती है । तीस्ता नदी सिक्किम में वाटर राफ्टिंग (White Water Rafting) के लिए काफी प्रसिद्ध हैं।
सिलीगुड़ी से गंगटोक जाने वाले इस रास्ते को राष्ट्रिय राजमार्ग 31A संख्या (NH-31A) के नाम से जाना जाता है । न्यू-जलपाईगुड़ी से गंगटोक की दूरी लगभग 121 किमी० है । ये रास्ता कही-कही कई किलोमीटर ख़राब होने के कारण काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है, जिससे अपनी मंजिल तक पहुँचने काफी समय लग जाता है । काफी समय सफ़र में व्यतीत करने के पश्चात ड्राइवर रास्ते में तीस्ता नदी के किनारे ऊंचाई पर बसे एक कस्बे (जगह का नाम नही मालूम) में चाय-नाश्ता के लिए एक दुकान पर रुक जाते है। करीब आधे घंटे चाय, आलू के परांठे और मैंगी का नाश्ता करने के पश्चात हम लोग फिर से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर जाते है ।
सिलीगुड़ी से गंगटोक जाने वाले इस रास्ते को राष्ट्रिय राजमार्ग 31A संख्या (NH-31A) के नाम से जाना जाता है । न्यू-जलपाईगुड़ी से गंगटोक की दूरी लगभग 121 किमी० है । ये रास्ता कही-कही कई किलोमीटर ख़राब होने के कारण काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है, जिससे अपनी मंजिल तक पहुँचने काफी समय लग जाता है । काफी समय सफ़र में व्यतीत करने के पश्चात ड्राइवर रास्ते में तीस्ता नदी के किनारे ऊंचाई पर बसे एक कस्बे (जगह का नाम नही मालूम) में चाय-नाश्ता के लिए एक दुकान पर रुक जाते है। करीब आधे घंटे चाय, आलू के परांठे और मैंगी का नाश्ता करने के पश्चात हम लोग फिर से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर जाते है ।
कुछ समय के सफर के उपरांत हम लोग सिक्किम के सीमावर्ती कस्बे (सिक्किम के प्रवेश द्वार) रंगपो पहुँच जाते है । रंगपो में प्रवेश से पहले ड्राइवर के कहने पर हम अपना परिचय पत्र बाहर निकल लेते है क्योकि यहाँ पर सिक्किम में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक यात्रियों के अपना पहचान पत्र दिखाना होता है, यदि परिवार या समूह में है तो एक व्यक्ति के पहचान पत्र से कम चल जाता है। रंगपो चेक पोस्ट पर ही यात्रियों का स्वागत करता हुआ एक बड़ा खूबसूरत सिक्किम शैली में बना हुआ दरवाजा है, यहाँ पर अपना परिचय पत्र दिखाने के साथ ही हम लोग सिक्किम राज्य में प्रवेश कर जाते है। रंगपो से कुछ किलोमीटर चलने के बाद सिंगताम (Singtam) के कस्बे से हाइवे पर दाहिने ओर गंगटोक की तरफ मुड़ने के साथ ही तीस्ता नदी का साथ छूट जाता है।
सिक्किम में आने से पहले ही सूमो का ड्राइवर ने हमसे कहा की देखना हमारा सिक्किम कितना सुन्दर और साफ सुधरा है । हर काम यहाँ पर नियम और कानून से ही होते है, पूरे सिक्किम में एक आपको एक भी भिखारी नहीं मिलेगा, यदि मिले तो फ़ौरन पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। यहाँ पर अधिकतर ईमानदार लोग है, कोई किसी से धोखा-धड़ी नहीं करता। यहाँ पर दुकानों पर आपको अधिकतर महिलायें का करती हुई मिलेगी, हर घर के बाहर आपको फूल-पौधे के गमलो या बगीचों से सजावाट देखने को मिलेगी। खैर उसने जैसा कहा वैसा ही हमको अपनी पूरी सीक्किम यात्रा के दौरान मिला। हरी-वादियों के नजारा लेते हुए, सुबह के ग्यारह बजे के बीच हम लोग गंगटोक शहर पहुँच गये।
अब आपके लिए प्रस्तुत है, इस यात्रा के दौरान खींचे गए कुछ चित्रों और चलचित्र का संकलन →
गंगटोक की तरफ प्रस्थान करते समय पहाड़ो की पहली झलकीयां (First Glimpse of the Mountain towards the Gangtok City) |
(तीस्ता बाज़ार) गंगटोक की तरफ प्रस्थान करते समय पहाड़ो की झलकीयां (Bridge on Tista River - Glimpse of the Mountain ) |
Tista River along with the Road to Gangtok (सडक के साथ-साथ तीस्ता नदी ) |
Tista River along with the Road to Gangtok (गंगटोक के रास्ते अल्हड़ तीस्ता नदी साथ ) |
तीस्ता नदी पर बना एक सुन्दर पुल (A Beautiful Bridge on The River Tista ) |
पहाड़ो और हरियाली के बीच बहती तीस्ता का खूबसूरत नजारा |
Flow Tista River in between greenery & Mountain |
Beautiful View of Tista River in between Mountain (पहाड़ो के बीच नदी का सुंदर नजारा ) |
तीस्ता नदी किनारे हरियाली |
तीस्ता नदी (Tista River, Sikkim) |
तीस्ता नदी किनारे हरियाली |
गंगटोक को जाता खूबसूरत रास्ता (Way to Gangtok) |
सिक्किम की जीवनदायनी नदी तीस्ता (Tista River, Sikkim) |
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गंगटोक (सिक्किम), दार्जिलिंग श्रृंखला के लेखो की सूची :
1. रेलयात्रा → आगरा से न्यू-जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी (Train Journey Agra to New Jalpaiguri,West Bengal)
2. न्यू-जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी से गंगटोक का सफ़र (New Jalpaiguri, Siliguri to Gangtok, Sikkim)
3. एक नजर, गंगटोक शहर, सिक्किम (Sight Seen to Gangtok City, Sikkim)
4. गंगटोक शहर के स्थानीय स्थलों का भ्रमण, सिक्किम (Sight Seen to Gangtok City, Sikkim)
5. बाबा हरभजनसिंह मंदिर, सिक्किम-Baba HarbhajanSingh Temple (Travel to East Sikkim, Gangtok)
6. छंगू झील का सफ़र, सिक्किम - Tsomgo Lake (Travel to East Sikkim, Gangtok)
7. गंगटोक से दार्जिलिंग का सफ़र (Travel to Darjeeling, West Bengal )
8. पर्वतीय नगर दार्जीलिंग की सैर (Sight Seen of Darjeeling Hill Station, West Bengal)
9. प्रकृति से मुलाकात - दार्जीलिंग नगर की सैर में (Sight Seen of Darjeeling, West Bengal)
10. दार्जीलिंग नगर की सैर - नये स्थलों के साथ (Siight Seen of Darjeeling 2, West Bengal)
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These were the roads where I spent 15 precious years of my life, am glad to see the same things. Nice post buddy...
ReplyDeleteThanks a lot, for Comment & Like this post...
Deleteकिसी ने सच ही कहा है कि हुस्न पहाड़ों का क्या कहना, मनभावन दृश्यावली,एक बार नजर पडी तो हटने का नाम ही नहीं लेती, सिक्किम की स्वच्छता के बारे में तो काफी सुन रखा है आगे के लेख को पढ़कर और जान जायेंगे
ReplyDeleteधन्यवाद हर्षिता जी.....
Deleteजी जरुर आप आगे ले लेख पढ़कर आपको सिक्किम और भी अच्छा लगेगा ....
धन्यवाद
Bahut khoobsurat"Hariyali aur rasta"Subh yatra.
ReplyDeleteधन्यवाद रुपेश जी..... टिप्पणी के लिए
DeleteNice Post
ReplyDeleteधन्यवाद दर्शन जी
Deleteसिलीगुड़ी की यात्रा तो यादगार रहेगी रितेश
ReplyDeleteहमारे लिए तो यादगार है ही.... लेख पढ़कर आपके लिए भी यादगार हो जायेगी
Deleteधन्यवाद !
Nice Picture & Very Informative Post...
ReplyDeleteThanks
दिलकश तस्वीरों तथा रोचक लफ़्ज़ों से लबरेज़ यह सफरनामा आपके पाठकों के लिए आपकी ओर से एक बेशक़ीमती तोहफा है. आप यूं ही लिखते रहें, हम यूं ही पढ़ते रहेंगे, दिल में मुसाफ़िरी के फूल खिलते रहेंगे ........
ReplyDeleteइत्ते खुबसूरत शब्दों में शायराना अंदाज में प्रशंसा करती हुई टिप्पणी के लिए आपका बहुत बहुत आभार.....|
Deleteआप ऐसे ही प्रोह्त्साहन बढाने के लिए धन्यवाद ....
वाह भाई वाह, बहुत खूब। सिक्किम एक ऐसी जगह है, जो हमेशा मुझे अपनी ओर खींचती है। बेहद उम्दा जानकारी। धन्यवाद।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार....कहकशां खान जी
Deleteवृत्तांत पढ़ कर आनन्द आ गया... अति सुन्दर वर्णन, मनमोहक चित्रावली.....! रितेश जी
ReplyDeleteलेख पर टिप्पणी और प्रशंशा के लिए धन्यवाद शैलेन्द्र सिंह जी.....
Deleteरोचक तस्वीरों से लबरेज़ बहुत ही सुन्दर सफरनामा
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए धन्यवाद संजय भास्कर जी......
Deleteआनन्द आ गया जी
ReplyDeleteआपको आनंद आ तो हमे भी आनंद आ गया...
Deleteधन्यवाद
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद तिवारी जी
Deleteसिक्किम में कोई भीख नहीं मांगता और यहाँ ईमानदार लोग है तथा यहाँ गन्दगी नहीं मिलती, ऐसा जानकार बहुत अच्छा लगता है। ऐसी सुन्दर जगहों पर जाने का हर किसी का मन होगा। ।
ReplyDeleteसुन्दर यात्रा प्रस्तुति !
आपका बहुत बहुत आभार कविता रावत जी... | सिक्किम वाकई में बहुत सुन्दर है
Deleteधन्यवाद
badiya sansmaran ..sundar pics
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteरितेश जी नमस्कार आपके blog काम आएंगे इसी 28 मार्च को gangtauk पहुंच रहा हूं
ReplyDeleteयात्रा ब्लॉग को पढ़ते समय ऐसा लगता है पता नहीं , अब क्या आएगा ! जलपाई गुड़ी से गंगटोक तक का रास्ता बहुत खूबसूरत लग रहा है ! जलपाईगुड़ी कई बार जाना हुआ लेकिन गंगटोक कभी नहीं गया ! आपका ब्लॉग एक तरह रास्ता बता रहा है ! बेहद खूबसूरत पोस्ट रितेश जी
ReplyDeleteशाहजहां ने अगर गंगटोक देखा होता तो वह कश्मीर की जगह 'गंतोक 'को 'अमी अस्ते, अमी अस्ते' कहता ।
ReplyDeleteबिल्कुल सही बोल रहे हो आप...
Deleteऐसा लगा जैसे खुद हम गंगटोक घूम आये.
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteबहुत सुंदर लगा आपका यात्रा वृतांत पढ़कर... सुंदर वर्णन शैली और जानकारियों से लबरेज ।
ReplyDeleteधन्यवाद प्रवीण जी
ReplyDeleteमैं भी जा रही ही सिलीगुड़ी इस महीने मे आपका सफर करने का प्रयास राएगा
ReplyDeleteआपका लेख पढ़कर हमें भी सिक्किम जाने का मन करने लगा आगे की यात्रा सिक्किम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteधन्यवाद जी आपका
DeleteNice post
ReplyDeleteThanks
DeleteThe Linking Centre
ReplyDeletePanchayat Sadar Road, Shiv Mandir, Kadamtala, Near Sarojini Sangha Club, Siliguri, West Bengal 734011
9832077977