Written by → Ritesh Gupta
नमस्कार मित्रों ! पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि हम लोग कार से एक लंबी दूरी (करीब 388किमी०) आगरा से तय करके भीमताल पहुँच गए थे । अब इस श्रृंखला को विस्तार देते हुए अब चलते है आगे के यात्रा वृतांत पर ।
पहाड़ों के बीच चलते हुए अचानक एक बड़ी झील दाई तरफ नजर आनी लगी थी, यह झील भीमताल ही थी । अब सबसे पहले हमारा काम था, उस होटल को ढूढना जो झील के इसी तरफ पहाड़ की कुछ मीटर ऊँचाई पर स्थित था । झील के इसी तरफ सड़क किनारे चलते से लगभग एक किलोमीटर चलने के बाद झील के दूसरे कौने पर पहुँच गए वहाँ पर सरकारी सेवा में खड़े एक सिपाही से होटल का अता-पता लेकर वापिस उसी रास्ते पर आ गए । थोड़ी देर चलने के बाद पहाड़ के ऊंचाई पर जाता हुआ एक रास्ता नजर आ गया, उसी रास्ते पर होते हुए हम लोग "होटल ताल पैराडाईज" पहुँच गए । यह होटल पहाड़ की थोड़ी ऊँचाई पर था सो यहाँ से भीमताल का और उसके पीछे पहाड़ का सद्रश्य बड़ा ही मनभावन था ।
नमस्कार मित्रों ! पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि हम लोग कार से एक लंबी दूरी (करीब 388किमी०) आगरा से तय करके भीमताल पहुँच गए थे । अब इस श्रृंखला को विस्तार देते हुए अब चलते है आगे के यात्रा वृतांत पर ।
पहाड़ों के बीच चलते हुए अचानक एक बड़ी झील दाई तरफ नजर आनी लगी थी, यह झील भीमताल ही थी । अब सबसे पहले हमारा काम था, उस होटल को ढूढना जो झील के इसी तरफ पहाड़ की कुछ मीटर ऊँचाई पर स्थित था । झील के इसी तरफ सड़क किनारे चलते से लगभग एक किलोमीटर चलने के बाद झील के दूसरे कौने पर पहुँच गए वहाँ पर सरकारी सेवा में खड़े एक सिपाही से होटल का अता-पता लेकर वापिस उसी रास्ते पर आ गए । थोड़ी देर चलने के बाद पहाड़ के ऊंचाई पर जाता हुआ एक रास्ता नजर आ गया, उसी रास्ते पर होते हुए हम लोग "होटल ताल पैराडाईज" पहुँच गए । यह होटल पहाड़ की थोड़ी ऊँचाई पर था सो यहाँ से भीमताल का और उसके पीछे पहाड़ का सद्रश्य बड़ा ही मनभावन था ।
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सूर्यदेव की रौशनी से प्रष्ठभूमि नहाये पहाड़ के सद्रश्य भीमताल झील (Beautiful Bhimtal Lake, Nainital) |